पाकिस्तान में बुर्के वाली ‘कसाई’, बकरीद पर ‘मोस्ट वॉन्टेड’ है!

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नई दिल्ली : दुनिया में जो चीजें नॉर्मल हैं पाकिस्तान के लिए वही बातें अनोखी हो जाती हैं. एक बार फिर बकरीद से पहले पाकिस्तान में एक महिला कसाई और एक कुर्बानी का बकरा वायरल है. पाकिस्तान में महिलाओं को लेकर क्या सोच है ये दुनिया जानती है. यही वजह है कि पाकिस्तान की पहली महिला कसाई बकरीद से पहले ट्रेंड कर रही है. चंद घंटों में दर्जनों जानवरों की कुर्बानी करने वाली इस महिला कसाई को लेकर क्यों इतना शोर है आइए आपको भी दिखाते हैं.

दुनिया में बकरीद की तैयारी हो रही है. कुर्बानी के लिए बकरे, भैंस और ऊंटों की मंडी सजी है. कुर्बानी का जानवर काटने के लिए कसाई छुरों को धार दे रहे हैं. बकरीद पर कुर्बानी के लिए पाकिस्तान के मुल्ला मौलवी अपना अपना ज्ञान दे रहे हैं. इन सबके बीच पाकिस्तान की पहली ख्वातीन यानी महिला कसाई एक बार फिर वायरल है.

पाकिस्तान में बकरीद से पहले इस कसाई की चर्चा हो रही है. लोग कह रहे हैं महिलाओं को शौक होता है पार्लर का, पायलट बनने का, डॉक्टर बनने का, टीचर बनने का लेकिन पता नहीं कैसे मैडम को अलग सा आइडिया आया कि मैंने ये बनना है. तमाम पाकिस्तानी यू-ट्यूबर इस महिला का इंटरव्यू लेने पहुंच रहे हैं. 

उनके सवालों के जवाब में महिला ने कहा- ‘मैं कह रही हूं कि औरतें जो हैं इस काम के लिए हिम्मत वाली होनी चाहिए और औरतों को पता चलना चाहिए कि ये जो काम है ये जायज़ है छुरे वगैरह चलाना ज़बा वगैरह करना जो है जायज़ है. जब मुझे पता चला कि कर सकती हैं ज़बा उस दिन से मैंने मुर्गियां, बकरे, गाय, फिर अब ऊंट भी इंशाअल्लाह मैंने ज़बा कर लेना है जब वो सीखती हैं मुझसे और फिर खुद ही ज़बा कर रही होती हैं तो मुझे अच्छा लगता है’.

पाकिस्तान के एक डीएस नाम के चैनल के रिपोर्टर ने इनसे बात करने के बाद कहा, ‘पाकिस्तान की पहली कसाब खातून हैं ये बकरे ज़बा कर लेती हैं. पाकिस्तान की पहली कसाब खातून यानि महिला कसाई का नाम है अनाया हाथों में छुरा, शरीर में फुर्ती और नजरों की तेजी बताने के लिए काफी है कि अनाया पाकिस्तान में क्यों इतनी पॉपुलर है. एक झटके में बकरा… भैंस… ऊंट की गर्दन काटने के लिए जो मजबूत कलेजा चाहिए वो अनाया के पास है. अपनी इसी काबिलियत के साथ अनाया ने पाकिस्तान जैसे मुल्क में वो कर दिखाया है जहां सिर्फ मर्दों को ताकत की नजीर समझा जाता है.

अनाया ने कहा, ‘मुझे अच्छा लगता है कि मैंने ये एक अवेयरनेस फैलाई है कि औरतें भी ज़बा कर सकती हैं ना कि खाली मर्द ही ज़बा करें ठीक है मर्द भी करें मैं उनकी छुट्टी नहीं करवा रही कि वो छुट्टी कर लें अब वो नहीं कर सकते वो भी करें ज़बा लेकिन हमें भी करने दें तो जिसको शौक है वो करे ज़बा और इस्लाम में इसकी कोई भी मुमानयत नहीं है.

रिपोर्टर ने पूछा, ‘क्या हिसाब किताब है, कितने पैसे ले ली हैं आप. बकरे के गाय के ऊंट के पैसों की बात ना ही करें. मुझे पहले आप ये बताएं आप कितना कमा लेते हैं? बता दें क्योंकि सीजन आ रहा है तो चले ये कि ऑर्डर आ जाएंगे आपको हमारी वीडियो देख के बता देती हूं कि एक बकरा ज़बा करने का तकरीबन 15 से 20 हजार जो है वो ले लेती हूं लेकिन अगर बकरा जो बेचारा मासूम सा छोटा सा हो ना फिर पैसे जो है ना वो डिस्काउंट में कर लेती हूं.

इसमें कोई शक नहीं कि किसी भी जानवर को मारना ना सिर्फ मजबूत दिल के इंसान का काम है. बल्कि कुर्बानी के नियमों का भी ध्यान देना होता है. ऐसे में सोचिए अनाया कितनी परफेक्ट होंगी, जो चंद घंटों में दर्जनों जानवर हलाक कर देती है.

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