नई दिल्ली : ट्रेन हाईजैकिंग और उसके बाद हुए हमलों में अपने 200 से ज्यादा जवान खोने वाली पाकिस्तानी अब बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में बेरहमी के साथ आम नागरिकों के विरोध को कुचलने में लग गई है. उसने बलूचिस्तान में विरोध की प्रतीक बन चुकी डॉक्टर महरंग बलोच और उनके साथियों को रविवार सुबह अरेस्ट करके जेल में डाल दिया है. परिवार वालों को भी महरंग से नहीं मिलने दिया जा रहा है. बलूच कार्यकर्ता और महरंग की बहन इकरा बलूच ने अपनी बहन महरंग बलूच की गिरफ्तारी पर गहरी चिंता व्यक्त की है, जिन्हें शनिवार सुबह पाकिस्तानी अधिकारियों ने हिरासत में ले लिया था.
आज मेरी बहन साथ नहीं है- इकरा बलूच : एक सोशल मीडिया पोस्ट में, इकरा ने हुड्डा जेल जाने के दुखद अनुभव का वर्णन किया, जहां उन्हें महरंग से मिलने की अनुमति नहीं दी गई थी. बचपन की एक दर्दनाक याद का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘आज हुड्डा जेल की यात्रा ने मुझे बचपन की एक दर्दनाक याद दिला दी, जब मैं अपने पिता को सलाखों के पीछे देखने के लिए उसी स्थान पर खड़ी थी. 18 साल पहले, यह मेरे पिता थे. यह आज मेरी बहन है. उस समय महरंग बलोच हमारे साथ थी, लेकिन आज, नहीं! हमें उससे मिलने की अनुमति नहीं दी गई.’
‘यूरोपीय संघ करे मामले में हस्तक्षेप’ : इकरा ने पहले अपनी बहन की हिरासत के बारे में जानकारी न दिए जाने पर भी निराशा जताई. एक्स पर पोस्ट करते हुए उन्होंने कहा कि महरंग और छोटी बहन दोनों को पुलिस ने पकड़ लिया था, लेकिन परिवार को कोई विवरण नहीं दिया गया था. 10 घंटे बीत गए और अभी भी कोई जानकारी नहीं! हमें एफआईआर की एक प्रति नहीं दी गई है. केवल यह सुनने को मिला है कि उसे हुड्डा जिला जेल में रखा गया है, लेकिन हमें उससे मिलने का कोई अधिकार नहीं है. यूरोपीय संघ को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उछलने लगा मामला : उधर डॉक्टर महरंग बलोच को हिरासत में लिए जाने का मामला अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तूल पकड़ने लगा है. अंतरराष्ट्रीय हस्तियों ने बलूच कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी और उनके साथ किए गए व्यवहार की निंदा की है. मानवाधिकार रक्षकों पर संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत मैरी लॉलर ने क्वेटा में प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई की आलोचना की. उन्होंने बलूचिस्तान में महरंग बलूच और अन्य मानवाधिकार रक्षकों की हिरासत पर कहा, क्वेटा में बलूच यकजेहती समिति के प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई के बाद महरंग बलूच और कई अन्य मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को बलूचिस्तान में गिरफ्तार किए जाने की रिपोर्ट से बहुत चिंतित हूं.
टीटीपी के 16 आतंकियों को मारने का दावा : इस आलोचना से बेपरवाह पाकिस्तान सेना ने देर रात दावा किया कि उसके बलों ने सुदूर उत्तर-पश्चिमी सीमा क्षेत्र में 16 आतंकवादी मार गिराए हैं क्योंकि वे पड़ोसी अफगानिस्तान के साथ सीमा पार करने की कोशिश कर रहे थे. एक सैन्य बयान में कहा गया है कि टीटीपी आतंकियों ने उत्तर-पश्चिमी ख़ैबर पख़्तूनख़्वा प्रांत के सीमावर्ती शहर ग़ुलाम खान से पाकिस्तान में घुसने की कोशिश की. जिस पर पाक सेना ने कार्रवाई करते हुए उन्हें रुकने और वापस जाने को कहा. लेकिन उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी, जिसके जवाब में पाकिस्तान ने कार्रवाई कर 16 आतंकियों को मार गिराया. काबुल ने इस आरोप से इनकार किया है.