नई दिल्ली : वक्फ पर छाती पीटने वाले, औरंगजेब को महान बताने वाले, मजहब-समुदाय की दुहाई देने वाले और पाकिस्तान से प्रेम जताने वाले अगर एक बार वहां पर अल्पसंख्यकों के साथ किए जा रहे हाल को देख लें तो उनकी आंखों पर लटकी पट्टी अपने आप हट जाएगी. ये वहीं पाकिस्तान है, जहां आज भी गैर-इस्लामिक समुदाय के साथ क्रूरता जारी है. उस पाकिस्तान में सनातन को जड़ से खत्म करने की और हिंदुओं के मंदिर और सिखों के गुरूद्वारों को साजिशन नापाक करने की पुख्ता तैयारी है.
अब तक पाकिस्तान से तस्वीरों की शक्ल में ये खबरें आती थी कि पाकिस्तान के कराची में हिंदू मंदिर को तोड़ा दिया गया. पाकिस्तान के लाहौर में गुरूद्वारे का विध्वंस किया गया और तो और पाकिस्तानी कठमुल्लों पर धर्मांतरण का भी नशा चढ़ा था. लिहाजा हिंदू बेटिंयों से जबरन कलमा पढ़वाकर उनसे बलपूर्वक निकाह किया जाता. पाकिस्तानी हिंदू को काफिर बताकर उनका गला तक काट दिया जाता. जानते हैं इसके पीछे जिम्मेदार कौन थे, पाकिस्तान के जहरीलें मौलाना-मौलवी.
मौलानाओं ने 25 करोड़ पाकिस्तानियों में कट्टरता जहर भर दिया है. ऐसे ही मौलवियों के फेर में फंस कर पाकिस्तानी कठमुल्ला बन चुके हैं. जिन्हें सिर्फ और सिर्फ अपने मजहब अपने समुदाय से मतलब. जो उनके मजहब का नहीं, उससे वो नफरत करते हैं. उसके धर्म को तार-तार करने की जीतोड़ कोशिश करते हैं. ऐसा ही वाक्या, पाकिस्तान के मुल्तान से सामने आया है…जहां सैकड़ों साल पुराने मंदिर पर ना सिर्फ अवैध कब्जा किया गया बल्कि उस मंदिर में मदरसा भी खोल दिया गया.
एक पाकिस्तानी ब्लॉगर मुल्तान के मंदिर पर ब्लॉग बनाने पहुंचा. लेकिन जैसे ही मंदिर में दाखिल हुआ. उसकी आंखें फटी की फटी रह गई. मंदिर परिसर में ही मदरसा चल रहा था. एक मौलवी के साथ दर्जनों बच्चे वहां बैठे हुए थे और इस्लाम की धार्मिक किताब कुरान को पढ़ रहे थे.
लेकिन ये तो पाकिस्तान के कट्टरपंथियों की नापाक साजिश का महज छोटा सा ट्रेलर है. अगली तस्वीर तो इससे भी ज्यादा शर्मनाक है. जो कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत से सामने आयी है. पाकिस्तान के मंडी बहाउद्दीन शहर का ये दशकों पुराना गुरूद्वारा है. गुरूद्वारे पर आज भी निशान साहिब और गुरूमुखी लिखा हुआ है.
मगर जानते हैं, आज की तारीख में ना सिर्फ ये गुरूद्वारा जर्जर हालत में है…बल्कि पाकिस्तानी जिहादियों ने इस गुरूद्वारे को तोड़कर इसके एक हिस्से पर कब्जा जमा लिया…दुकानें खोल ली है. सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात ये कि गुरूद्वारे के ठीक पर दुकानों पर गोश्त बेचा जा रहा है. मुर्गे-बकरों और गोवंश को काटा जा रहा है.
जब एक पाकिस्तानी मुसलमान से इस बारे में पूछा गया कि आखिर गुरूद्वारे के बाहर गोश्त की दुकानें क्यों लगाई गई हैं. क्यों बेजुबानों को काटा जा रहा है तो यकीन मानिए पाकिस्तानी कठमुल्ले का जवाब सुनकर आपका भी खून खौल जाएगा.
बेशर्मी से हंसते हुए पाकिस्तानी कठमुल्ला ने कहा कि वो मुसलमान है. पाकिस्तान में जो मर्जी कर सकता है. उसके मुल्क में किसी और धर्म का एहतराम करना तो पाकिस्तान में गुनाह है. बस इसीलिए तो पाकिस्तान में सरेआम गुरूद्वारे के बाहर गोश्त काटा जा रहा है, बेचा जा रहा है. मकसद साफ है सिख समुदाय की भावनाओं को आहत करना.
पाकिस्तान का संगोई गांव झेलम नदी के पास बसा है. दावा किया जाता है कि बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता सुनील दत्त का ये पुश्तैनी गांव था. यहीं से उनका ताल्लुक था. मगर आज इस गांव में एक भी हिंदू परिवार नहीं है और उसकी वजह है कट्टरपंथी मुसलमान. इसी का फायदा उठाते हुए पाकिस्तानियों ने मंदिर के चारों तरफ कब्रिस्तान बना दिया. मंदिर की जमीन पर कब्जा करके जनाजागाह बना दिया. मंदिर मंदिर के मुख्य द्वार पर भी एक नहीं बल्कि दर्जनों कब्रें तक बना दी गई है.
आप ही बताइए, क्या ये शर्मनाक कृत्य नहीं है. अब इसे कट्टरता ना कहें तो क्या कहें. यह इस बात का सबूत है कि जिहादी सोच ने पाकिस्तानियों को कठमुल्ला बना दिया है. ऊपर से पाकिस्तान के जहरीले मौलाना-मौलवी, जो अपनी तकरीरों से पाकिस्तानी नस्लों को विषैला कर रहे हैं.