नई दिल्ली/रामल्लाह : फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने शनिवार को अपने करीबी विश्वासपात्र हुसैन अल-शेख को अपने उप-राष्ट्रपति और संभावित उत्तराधिकारी नामित किया। इस बारे में फिलिस्तीन मुक्ति संगठन ने बयान जारी किया है। इस बयान में फिलिस्तीन मुक्ति संगठन ने कहा कि यह कदम फलस्तीनी नेतृत्व पर अंतरराष्ट्रीय संदेह को दूर करने के लिए आवश्यक माना जा रहा है।
फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास द्वारा अपना संभावित उत्तराधिकारी नियुक्त करना एक बड़ा कदम है। बता दें कि 89 वर्षीय महमूद अब्बास साल 2004 में वरिष्ठ नेता यासर अराफात की मौत के बाद से फिलिस्तीन मुक्ति संगठन (पीएलओ) और फिलिस्तीनी प्राधिकरण (पीए) के प्रमुख रहे हैं। हालांकि हाल के सालों में वे उत्तराधिकारी की नियुक्ति सहित आंतरिक सुधारों का विरोध करते रहे हैं।
गौरतलब है कि इजरायल और हमास में जारी संघर्ष के बीच फिलिस्तीन मुक्ति संगठन (पीएलओ) ने गुरुवार को 89 वर्षीय फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास के नेतृत्व में एक उप राष्ट्रपति पद बनाने की घोषणा की थी। पीएलओ केंद्रीय परिषद की दो दिवसीय बैठक के बाद, परिषद ने पीएलओ कार्यकारी समिति के उपाध्यक्ष का पद बनाने के लिए मतदान किया था। इसे फिलिस्तीन राज्य के उपराष्ट्रपति के रूप में भी संदर्भित किया जाएगा।
क्या है पीएलओ : अब बात अगर पीएलओ की करें तो ये अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त प्रतिनिधि है और पश्चिमी समर्थित फिलिस्तीनी प्राधिकरण की देखरेख करता है, जो इजरायल के कब्जे वाले पश्चिमी तट के आधे से कम हिस्से में सीमित स्वायत्तता का प्रयोग करता है। अब्बास ने इन दोनों संस्थाओं का दो दशकों से नेतृत्व किया है। गौरतलब है कि हमास ने 2007 में अब्बास की सेना से गाजा पर नियंत्रण ले लिया। इसके बाद दोनों के बीच सुलह के प्रयास बार-बार विफल रहे हैं।