गांधीनगर : भारत दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति बन चुका है। आर्थिक विशेषज्ञों का अनुमान है कि यदि देश ने यही आर्थिक गति बनाए रखी तो जल्द ही यह तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश भी बन जाएगा। लेकिन इसके लिए कोशिश केवल देश के बड़े उद्योगपतियों और निर्माताओं की ओर से ही नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि यह कोशिश सामान्य आदमी की ओर से की जानी चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में अपनी दो दिवसीय यात्रा में इसी ओर इशारा किया है।
गांधी नगर में पीएम मोदी ने कहा कि आम आदमी को यह बात अपने मन में बिठा लेनी चाहिए कि वह अपने देश में बने हुए सामानों का ही उपयोग करेगा। अभी तो गणेश जी भी छोटी आंखों वाले आ रहे हैं। होली पर रंग और पिचकारी भी विदेशों से आ रही है। यह सीधा हमला चीन पर था जहां से दिवाली-होली जैसे भारतीय त्योहारों को निशाना बनाते हुए सस्ते उत्पाद बनाए जाते हैं और भारतीय बाजारों में बेच दिए जाते हैं। लेकिन इससे भारतीय कामगारों का हक मारा जाता है। लेकिन यदि भारत को दुनिया की तीसरी बड़ी आर्थिक महाशक्ति बनना है तो उसे अपने लोगों के बने उत्पादों को बढ़ावा देना होगा।
भारत के लिए कहां है संभावना : निर्माण को अपनी ताकत बनाकर चीन और जापान दुनिया की आर्थिक महाशक्ति बन चुके हैं। इस समय अमेरिकी राष्ट्रपति अपने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए अपने देश की कंपनियों को स्वदेश में ही निर्माण करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। ऐसा न करने वाली कंपनियों को टैरिफ दंड से हांकने की कोशिश भी कर रहे हैं। भारत को बिना कोई दंडात्मक नीति अपनाए घरेलू निर्माण, घरेलू उपभोग और घरेलू बचत को प्रोत्साहित करना चाहिए। यह देश की ताकत बन सकता है।
भारत में रोजगार का संकट दूर करने के बाद ही घरेलू उपभोग की मांग को बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए कृषि क्षेत्र को अपनी ताकत बनाना चाहिए जहां ज्यादा से ज्यादा युवाओं को नौकरी दी जा सकती है, साथ ही प्रसंस्कृत उत्पादों का उत्पादन बढ़ाकर घरेलू और निर्यात की आवश्यकताएं पूरी की जा सकती हैं।
लेकिन इसके साथ ही भारत को नई तकनीकी का उपयोग करते हुए स्पेस, सेमीकंडक्टर चिप निर्माण और उन्नत तकनीकी की मशीनों के निर्माण पर जोर देना चाहिए। भारत को अपने सेवा क्षेत्र में भी पर्याप्त विकास पर ध्यान देना चाहिए जो ब्लू कॉलर इकॉनमी को बढ़ावा देते हुए देश की सॉफ्ट ताकत बन सकता है।
जल्द बनेंगे तीसरी अर्थव्यवस्था : भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और आर्थिक मामलों के जानकार गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने अमर उजाला से कहा कि भारत के दुनिया की तीसरी आर्थिक महाशक्ति बनने की बात कोरी कल्पना नहीं है। यह ठोस आंकड़ों पर आधारित है और विश्व की जानी-मानी संस्थाएं भी इसे स्वीकार कर रही हैं। मूडीज ने भारत की आर्थिक शक्ति में तेज वृद्धि का अनुमान लगाया है। मॉर्गन स्टेनली का अनुमान है कि अगले एक-डेढ़ साल में भारत का सेंसेक्स एक लाख अंक को पार कर सकता है। यह भारत की अर्थव्यवस्था में दुनिया का भरोसा है।
गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था का आकार केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल यानी पिछले ग्यारह सालों में दो गुना हो गया है। यह तभी हो सकता था जबकि केंद्र सरकार भारत में निर्माण क्षेत्र को बढ़ावा दे। उन्होंने कहा कि यह केवल इसलिए संभव हो पाया क्योंकि केंद्र सरकार ने रक्षा निर्माण क्षेत्र, तकनीकी, मोबाइल-कंप्यूटर से लेकर खिलौने तक के निर्माण को अपनी नीतियों के केंद्र में रखा। उन्होंने कहा कि यदि इसी तरह भारत ने निर्माण और घरेलू खपत में बढ़त को पकड़कर रखा तो देश को दुनिया की आर्थिक महाशक्ति बनने से कोई रोक नहीं सकता।
दुनिया के संकट के बीच भारत की ताकत यहां दिख रही : गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने कहा कि जिस समय पूरी दुनिया तेज महंगाई से जूझ रही है, भारत में महंगाई 3.2 प्रतिशत के करीब है। वित्तीय घाटा नियंत्रण में है। शेयर मार्केट में विदेशी निवेशकों के द्वारा भारी बिकवाली के बाद भी देश का विदेशी मुद्रा भंडार 700 बिलियन डॉलर के करीब है। यह देश की मजबूत अर्थव्यवस्था के संकेत हैं।
उन्होंने कहा कि भारत की उपलब्धि इस मामले में ज्यादा महत्वपूर्ण है कि जिस समय दुनिया कोरोना का संकट झेल रही थी, जिस समय भारत आंतरिक रूप से भी कई चुनौतियों से जूझ रहा था, उसने अपने कदम डगमगाने नहीं दिया और इस दौर में भी वृद्धि करता रहा। उन्होंने कहा कि इसी तरह वैश्विक चुनौतियों के बीच भारत आगे बढ़ने के लिए तैयार है।