पीएम मोदी ने की भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश से मुलाकात, विश्व शतरंज विजेता बनने पर बधाई दी

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नई दिल्ली : देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश से मुलाकात की और उन्हें विश्व शतंरज चैंपियनशिप का खिताब जीतने के लिए बधाई दी। इस दौरान गुकेश के माता-पिता भी मौजूद रहे। बता दें कि, इसी महीने गुकेश ने विश्व शतरंज चैंपियनशिप के 14वें और अंतिम दौर में चीन के डिंग लिरेन को हराकर खिताब अपने नाम किया था। लिरेन को हराकर वह सबसे युवा विश्व शतरंज चैंपियन बन गए। 18 वर्ष की उम्र में उन्होंने इतिहास रच दिया।

पीएम आवास में हुई इस मुलाकात की तस्वीरें साझा करते हुए पीएम मोदी ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा – शतरंज चैंपियन और भारत के गौरव डी गुकेश के साथ शानदार बातचीत हुई। मैं पिछले कुछ सालों से उनके साथ निकटता से बातचीत कर रहा हूं, और उनके बारे में जो बात मुझे सबसे ज्यादा प्रभावित करती है, वह है उनका दृढ़ संकल्प और समर्पण। उनका आत्मविश्वास वाकई प्रेरणादायक है। दरअसल, मुझे कुछ साल पहले उनका एक वीडियो याद है जिसमें उन्होंने कहा था कि वह सबसे कम उम्र के विश्व चैंपियन बनेंगे – एक भविष्यवाणी जो अब उनके अपने प्रयासों की बदौलत सच साबित हुई है।

इस दौरान पीएम मोदी ने गुकेश से माता-पिता से भी चर्चा की। उन्होंने कहा-हर एथलीट की सफलता में उसके माता-पिता की अहम भूमिका होती है। मैंने गुकेश के माता-पिता की सराहना की कि उन्होंने हर मुश्किल परिस्थिति में उसका साथ दिया। उनका समर्पण उन युवा उम्मीदवारों के अनगिनत माता-पिता को प्रेरित करेगा जो खेल को करियर के रूप में अपनाने का सपना देखते हैं।

इस मुलाकात के दौरान गुकेश ने पीएम मोदी को खास तोहफा भी दिया। उन्होंने पीएम को शतरंज की बिसात भेंट की। पीएम ने आगे लिखा – मुझे गुकेश से उस खेल की असली शतरंज की बिसात पाकर भी बहुत खुशी हुई, जिसमें उन्होंने जीत हासिल की थी। शतरंज की बिसात, जिस पर उनके और डिंग लिरेन दोनों के हस्ताक्षर हैं, एक अनमोल स्मृति है।

6.5 अंको के साथ खेल की शुरुआत हुई थी। अंतिम मैच भी ड्रॉ की तरफ बढ़ता दिख रहा था कि तभी लिरेन की एक गलती उनके लिए भारी पड़ गई और गुकेश को जीत दिला गई। भारतीय युवा स्टार ने लिरेन को 7.5-6-5 से हराकर विश्व खिताब अपने नाम किया। निर्णायक 14वीं बाजी ड्रॉ की ओर बढ़ रही थी। माना जा रहा था कि विश्व चैंपियन का फैसला टाईब्रेकर के जरिये होगा, लेकिन 55वीं चाल में लिरेन ने भारी भूल कर दी, जिसका गुकेश ने फायदा उठाकर जीत हासिल की। पूरे टूर्नामेंट में गुकेश की लिरेन पर काले मोहरों से यह पहली जीत थी। उन्होंने तीन बाजियों में जीत हासिल की, दो में हार मिली और नौ बाजियां ड्रॉ पर समाप्त हुईं।

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