नई दिल्ली : पाकिस्तान के खिलाफ 4 दिनों तक चला ऑपरेशन सिंदूर पर फिलहाल युद्ध विराम हो गया है लेकिन भारत की तीनों सेनाएं पूरी तरह चौकस हैं. अगर पाकिस्तान ने युद्धविराम तोड़ने की कोशिश की तो उसे जबरदस्त नुकसान पहुंचाने की भी तैयारियां हैं. इसी बीच पाकिस्तान से निपटने के मोदी सरकार के तरीके की अब विपक्षी नेता भी प्रशंसा कर रहे हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ डॉक्टर कर्ण सिंह ने कहा कि पीएम मोदी के दृढनिश्चय ने पाकिस्तान को बैकफुट पर जाने को मजबूर कर दिया.
सशस्त्र बलों को खुली छूट देना बढ़िया काम : न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में डॉक्टर कर्ण सिंह ने कहा कि पहलगाम अटैक के बाद प्रधानमंत्री ने सशस्त्र बलों को खुली छूट देकर बहुत अच्छा किया. उन्होंने पूरे देश को एकजुट करने के साथ ही सारी परिस्थितियों को बेहतरीन तरीके से संभाला. हमारे सशस्त्र बलों ने भी संयम और परिपक्वता के साथ पेशेवर तरीके से काम कर पाकिस्तान को घुटनों पर आने को मजबूर कर दिया.
तीसरे पक्ष की मध्यस्थता सामान्य बात-कर्ण सिंह : तीसरे पक्ष की मध्यस्थता और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पोस्ट पर भी डॉक्टर कर्ण सिंह मोदी सरकार के साथ खड़े दिखे. उन्होंने कहा, ‘यह पहली बार नहीं है जब किसी तीसरे पक्ष ने हस्तक्षेप किया है. उदाहरण के लिए, 1965 के युद्ध के बाद हम ताशकंद गए थे. वहां पर एक तीसरे पक्ष की मध्यस्थता में पाकिस्तान के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.’
उस समय सोवियत संघ, इस समय अमेरिका : डॉक्टर कर्ण सिंह ने कहा, ‘उस समय (1965 में) सोवियत संघ था. इस बार अमेरिका है तो इसमें कोई हैरानी की बात नहीं होनी चाहिए. जब दो पक्षों में तनाव होता है तो तीसरे पक्ष की मध्यस्थता में शांति स्थापित होना सामान्य बात है.’
ट्रंप को नहीं करना चाहिए था उतावलापन : ट्रंप की घोषणा पर आपत्ति पर जताते हुए कांग्रेसी नेता ने कहा, ‘इस बार दिलचस्प बात यह थी कि राष्ट्रपति ट्रंप ने किसी और से पहले इसकी घोषणा की, जिसे टाला जा सकता था. बेहतर होता कि यह घोषणा भारत और पाकिस्तान खुद करते. इसका ज्यादा सकारात्मक संदेश जाता. फिर भी जो हुआ, ठीक हुआ है. तनाव बढ़ने से दोनों पक्षों को भारी नुकसान होता, जिसे संघर्ष विराम के जरिए टाला गया है.’