PM मोदी ने नहीं दिया राष्ट्रपति ट्रंप के 4 फोन कॉल का जवाब, टैरिफ वार के बीच जर्मन अखबार का दावा

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नई दिल्ली : जर्मनी के अखबार फ्रैंकफर्टर अल्गेमाइन ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल के सप्ताहों में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से किए गए 4 फोन कॉल का जवाब नहीं दिया। अखबार ने यह दावा भी किया कि व्यापार समझौते और रूस से तेल खरीद को लेकर ट्रंप के सभी दबाव भारत के खिलाफ अब तक विफल रहे हैं।

इस दावे की अन्य स्रोतों से पुष्टि नहीं : फ्रैंकफर्टर अल्गेमाइन जितुंग की रिपोर्ट में भारत-अमेरिका टैरिफ विवाद का विश्लेषण करते हुए कहा गया है, व्यापार विवादों में ट्रंप की आम रणनीतिक शिकायतें, धमकियां और दबाव अन्य देशों के खिलाफ तो काम कर रही हैं लेकिन भारत के मामले में इनका असर नहीं हो रहा। हालांकि अखबार का यह दावा अन्य स्रोतों से पुष्ट नहीं किया जा सका है। अखबार ने भी फोन कॉल के बारे में सटीक जानकारी नहीं साझा की है। न ही उन तारीखों के बारे में बताया गया है जिन दिनों में ट्रंप की ओर से फोन करने की बात कही जा रही है।

अखबार ने रूसी तेल खरीद जारी रखने के भारत के रुख पर भी चर्चा की : रिपोर्ट के अनुसार, मोदी अमेरिकी कृषि उत्पादों के लिए भारत के बाजार खोलने के ट्रंप के दबाव का विरोध कर रहे हैं। लेख में रूसी तेल खरीद जारी रखने के भारत के रुख की भी चर्चा की गई है। अमेरिका ने अचानक यह कहना शुरू किया है कि रूस से तेल खरीदकर भारत उसकी आर्थिक मदद कर रहा है। वहीं भारत सरकार ने साफ कर दिया है कि अमेरिका के कहने पर ही उसने रूस से तेल खरीदकर अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमतें कम रखने में मदद की है।

17 जून को हुई थी फोन पर ट्रंप-मोदी की बात : भारत सरकार ने अखबार के दावे पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। ट्रंप और मोदी के बीच आखिरी बार 17 जून को फोन पर बात हुई थी। तब मोदी जी-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने कनाडा गए थे जबकि ट्रंप, कनाडा का दौरा संक्षिप्त कर पहले ही वहां से लौट चुके थे। ट्रंप के आग्रह पर दोनों नेताओं के बीच उस दिन 35 मिनट बात हुई थी जिसमें पीएम मोदी ने अमेरिका में रुकने का ट्रंप का न्योता ठुकरा दिया था और इस बात से भी स्पष्ट इनकार किया था कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाकिस्तान संघर्ष रुकवाने में अमेरिका की कोई भूमिका थी। इसके बाद से ही ट्रंप का रुख भारत को लेकर शत्रुतापूर्ण हो गया।

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