नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को लेकर विवादित कार्टून बनाने वाले इंदौर के कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय को फटकार लगाई है. कोर्ट ने हेमंत मालवीय को अभी गिरफ्तारी से कोई राहत देने से इंकार करते हुए कहा कि उसका पोस्ट भड़काऊ है और उसकी अपरिपक्वता को दर्शाता है. कोर्ट ने यहा तक कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार का कुछ आर्टिस्ट, कार्टूनिस्ट और स्टैंड अप कॉमेडियन की ओर से गलत फायदा उठाया जा रहा है, यह ठीक नहीं है. कोर्ट के रुख को देखते हुए हेमंत मालवीय आपत्तिजनक पोस्ट को डिलीट करने को तैयार हो गया.
उम्र पचपन की और नादानी! : कोर्ट ने इस पर कल सुनवाई की बात कही. हालांकि कोर्ट ने इस दरम्यान गिरफ्तारी से संरक्षण जैसा कोई राहत देने से इंकार कर दिया. वकील ने जब उनकी 50 साल की उम्र का हवाला दिया तो कोर्ट ने कहा कि उनकी उम्र भले ही 50 साल हो, लेकिन अभी भी बौद्धिक रूप से परिपक्व नहीं है.
किस कार्टून को लेकर FIR : कोविड वैक्सीन की उपयोगिता पर सवाल उठाने वाला यह अभद्र कार्टून हेमंत मालवीय ने 2021 में बनाया था. इस कार्टून में पीएम और आरएसएस को अभद्र तरीक़े से दिखाया गया था. 2025 में एक फेसबुक यूजर ने अपनी पोस्ट में आपत्तिजनक कमेंट के साथ इस कार्टून को फिर से इस्तेमाल किया जिसके चलते इंदौर के आरएसएस कार्यकर्ता और वकील विनय जोशी ने लसूड़िया पुलिस थाने में इस साल मई मे एफआईआर दर्ज करवाई थी.
HC ने खारिज की थी अर्जी : इससे पहले मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने जून 2025 में हेमंत मालवीय की अग्रिम ज़मानत अर्जी को खारिज कर दिया था. हाई कोर्ट ने मालवीय की भगवान शिव के बारे में अनुचित टिप्पणी और पीएम आरएसएस के अभद्र कार्टूनों का हवाला देते हुए कहा था कि उन्होंने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरुपयोग किया है और विवादित कैरिकेचर बनाते समय विवेक का इस्तेमाल नहीं किया. हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत खारिज होने के बाद मालवीय ने गिरफ्तारी से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है.