नई दिल्ली : राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख संचालिका रहीं प्रमिला ताई मेढे का निधन हो गया है. 31 जुलाई को उन्होंने नागपुर में 96 साल की उम्र में अंतिम सांस ली. उनका जन्म 8 जून 1929 को हुआ था. युवावस्था में ही राष्ट्र सेविका समिति से जुड़ गई थीं. उनके नेतृत्व में समिति के कार्यों को देश ही नहीं विदेशों में भी पहचान मिली. उन्होंने अपने विचारों से समाज को जोड़ने का काम किया. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने उन्हें श्रद्धांजलि दी.
आरएसएस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर मोहन भागवत की ओर से लिखा, राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख संचालिका रहीं प्रमिला ताई मेढे जी के परलोक गमन से हम सभी लोगों के सर पर से एक मातृवत छत्र हट गया है. उनके निधन से लगभग समिति की स्थापना काल से आज तक की उनके दीर्घ तपस्या की पूर्णता हो गयी है.
हम सभी को ध्येय पथ पर आगे बढ़ने का धैर्य मिले : इसी पोस्ट में आगे लिखा, लक्ष्य की अचूक समझ व निष्ठा, कार्य वृद्धि के लिए सातत्यपूर्ण कठोर परिश्रम तथा व्यवहार में आत्मीयता का वे मूर्तीमंत उदाहरण थीं. राष्ट्र सेविका समिति के कार्य यज्ञ में अपनी जीवन समिधा अर्पित कर अंततोगत्वा उन्होंने मरणोपरांत देहदान संकल्प से अपने देह का भी समर्पण कर दिया. उनकी तपस्या के कारण उनकी सद्गति तो सुनिश्चित है. उनके बिना ध्येय पथ पर आगे बढ़ने का धैर्य हम सभी को मिले, यही ईश चरणों में प्रार्थना. ॐ शांति.
उनके आदर्श पथ पर चलते रहना ही अपनी श्रद्धांजलि : उनके निधन पर राष्ट्र सेविका समिति ने शोक जताया है. समिति की प्रमुख संचालिका शांताकुमारी की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ‘वंदनीय प्रमिलताई जी बहुमुखी व्यक्तित्व के प्रखर चिंतनशील, कर्मठ कार्यकर्ता थीं. अंतिम क्षण तक मन और बुद्धि से सतर्क रहकर अनुशासित जीवीन बिताने वाली मातृत्व भाव की ताईजी आज हमारे मध्य नहीं रहीं. उनके आदर्श पथ पर चलते रहना ही अपनी श्रद्धांजलि है.’