नई दिल्ली : देश की दोनों सदनों में पास हुए वक्फ बिल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का दौर शुरू हो गया है. मुंबई, हैदराबाद, कोलकाता समेत देश के कई शहरों में शुक्रवार को इस बिल के विरोध में धरना प्रदर्शन किए गए. इस बीच जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों ने भी वक्फ बिल के खिलाफ विश्वविद्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया.
ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) और अन्य छात्र समूहों के नेतृत्व में यह प्रदर्शन विश्वविद्यालय के गेट नंबर सात के पास हुआ. एक बयान में, आइसा ने विधेयक को ‘असंवैधानिक और सांप्रदायिक’ करार देते हुए इसकी निंदा की तथा छात्र असंतोष को दबाने के प्रयास के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन की आलोचना की.
जामिया प्रशासन ने बंद किया गेट : बयान के मुताबिक, “तानाशाही का परिचय देते हुए जामिया प्रशासन ने परिसर को बंद कर दिया, सभी गेट बंद कर दिए और छात्रों को अंदर आने और बाहर निकलने से रोक दिया गया. जब छात्रों ने इस दमनकारी कदम पर सवाल उठाया और गेट पर बड़ी संख्या में एकत्र हुए, तो प्रशासन को दबाव में झुकना पड़ा और गेट खोलना पड़ा.”
विधेयक की प्रतियां जलाईं : विरोध प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने विधेयक के खिलाफ भाषण दिए और सरकार पर वक्फ संपत्तियों को निशाना बनाने का आरोप लगाया. विरोध के तौर पर उन्होंने विधेयक की प्रतियां जलाईं. प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि परिसर अधिकारियों ने सुरक्षाकर्मियों को लगातार सीटी बजाने का निर्देश देकर उनके प्रदर्शन को बाधित करने की कोशिश की, जिसे उन्होंने ‘छात्रों की आवाज दबाने की हताश कोशिश’ करार दिया.
‘जारी रहेगी लड़ाई’ : आइसा के बयान में कहा गया, “सांप्रदायिक और असंवैधानिक विधेयक के खिलाफ यह लड़ाई जारी रहेगी. पहले से कहीं ज़्यादा ज़ोरदार तरीके से और मज़बूत और एकजुट होकर.” वहीं कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रदर्शन स्थल पर पुलिस तैनात की गई थी, हालांकि हिंसा की कोई घटना नहीं हुई.
लोकसभा-राज्यसभा से पास हुआ बिल : बता दें कि वक्फ (संशोधन) विधेयक गुरुवार को लोकसभा और शुक्रवार तड़के राज्यसभा में पारित हो गया. इस विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार करना, विरासत स्थलों की सुरक्षा करना और वक्फ बोर्डों और स्थानीय अधिकारियों के बीच समन्वय बढ़ाना है.