नई दिल्ली : ‘कौवा चला हंस की चाल, अपनी भी चाल भूला’, यह कहावत तो आपने खूब सुनी होगी. पाकिस्तान इसका जीता-जागता उदाहरण बन गया है. भारत के इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की तर्ज पर पाकिस्तान के क्रिकेट बोर्ड PCB ने PSL शुरू की थी. PSL यानी पाकिस्तान सुपर लीग की गाजे-बाजे के साथ सेरेमनी की गई थी लेकिन मैच के दौरान स्टेडियम के बाहर खड़ी एक बाइक दिखाई दी. फैंस ने जब इस मोटरसाइकिल के बारे में जानकारी जुटाई तो पाकिस्तान दुनिया तो छोड़िए पूरे ब्रह्मांड में बेइज्जत हो गया.
PSL का हुआ मनहूस आगाज़ : पाकिस्तानी आखिर क्यों दुखी हैं. क्यों उन्हें खुद पर शर्म आ रही है. यह बात आप पाकिस्तानियों से ही जान लीजिए. एक पाकिस्तानी क्रिकेट फैन के मुताबिक, ‘क्या बोलूं यार हमारे PSL में जिसको मैन ऑफ द मैच का अवार्ड मिलेगा. उसको साथ में स्कूटी देंगे. भाई इतना पैसा तो इंडिया का वो दिग्वेश नहीं है. वो हर मैच में फाइन लेकर चला जाता है और आप यहां पर प्लेयर ऑफ द मैच में स्कूटी दे रहे हो और इंडिया में भाई वो कार दे रहे हैं. प्लेयर ऑफ द मैच का जो अवार्ड होता है ना उसके साथ वो कार दे रहे हैं.’
ओपनिंग सेरेमनी में ही फूंक दिए इतने पैसे कि… : दरअसल IPL का क्रेज कम करने के लिए पाकिस्तान ने PSL तो बड़े-जोर के साथ शुरू किया था. लेकिन सेरेमनी में ही इतना पैसा फूंक दिया कि टूर्नामेंट के बाकी खर्चों के लिए पैसा ही नहीं बचा. अब ये बात हम नहीं कह रहे हैं बल्कि पाकिस्तानी खुद कह रहे हैं.
दरअसल उम्मीद थी कि PSL से पाकिस्तान की बंपर कमाई होगी. लेकिन कमाई तो छोड़िए स्टेडियम का बिजली पानी का खर्च तक निकालना मुश्किल हो गया है. पूरे-पूरे स्टेडियम में 200 लोग भी मैच देखने के लिए नहीं पहुंच रहे हैं. उस पर कोढ़ में खाज का काम किया है, PSL के मैन ऑफ द टुर्नामेंट ने.
‘बाइक कंधे पर उठाकर ऑस्ट्रेलिया जाएगा वार्नर’ : अपने वीडियोज में अक्सर पाकिस्तान का मजाक उड़ाने वाले अफगान भाई ने कहा, ‘आप कल्पना करें कि अगर डेविड वॉर्नर प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट बन जाते हैं तो उनको भाई मेड इन पाकिस्तान, या मेड इन चाइना मोटरसाइकिल मिलेगी. जिसकी कोई औकात नहीं है ऑस्ट्रेलिया में, कोई उसपर कचरा भी नहीं लेकर जाएगा. वो मोटरसाइकिल डेविड वॉर्नर कंधे पर उठाकर ऑस्ट्रेलिया लेकर जाएगा.’
सोचिए पठान भाई तो अफगानी है. वो कैसे खुद को पाकिस्तान की बेइज्जती करने से कैसे रोक पाते…जब खुद पाकिस्तानी ही इस मोटरसाइकिल से शर्मिंदा हैं. कम से कम ये पाकिस्तानी आवाम मानती तो हैं. लेकिन जितना पाकिस्तानी अवाम मानती है ना. इतना अगर पाकिस्तान के हुक्मरान भी मानना शुरू कर दें तो कसम से पाकिस्तान के दिन सुधर जाएं. तब शायद मैन ऑफ द टूर्नामेंट को मोटरसाइकिल देने की नौबत भी ना आए.