नई दिल्ली : केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को कहा कि आगामी 1 जुलाई से तत्काल रेलवे टिकट के लिए आधार ओटीपी सत्यापन अनिवार्य हो जाएगा। भारतीय रेलवे ने पिछले हफ्ते ही निष्पक्ष और पारदर्शी व्यवस्था सुनिश्चित करने और बुकिंग प्रक्रिया से बिचौलियों को हटाने के उद्देश्य से तत्काल टिकट बुकिंग प्रणाली में महत्वपूर्ण संशोधन करने की घोषणा की थी।
रेल मंत्री वैष्णव ने बताया कि एक जुलाई से आईआरसीटीसी की आधिकारिक वेबसाइट और मोबाइल एप के माध्यम से तत्काल टिकट केवल आधार से प्रमाणित उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध होंगे। 15 जुलाई से ऑनलाइन तत्काल बुकिंग के लिए आधार-आधारित ओटीपी प्रमाणीकरण अनिवार्य हो जाएगा। इसके अलावा कंप्यूटरीकृत यात्री आरक्षण प्रणाली (पीआरएस) काउंटर और अधिकृत एजेंटों के माध्यम से बुक कराए जाने वाले तत्काल टिकट के लिए बुकिंग के समय उपयोगकर्ता की तरफ से दिए गए मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगा और इसके आधार पर ही सत्यापन होगा। यह प्रावधान भी 15 जुलाई 2025 से लागू होगा।
24 घंटे पहले आरक्षण चार्ट जारी करने की तैयारी में रेलवे : रेल मंत्री ने यह भी कहा कि रेलवे किसी भी ट्रेन के प्रस्थान समय से 24 घंटे पहले यात्री आरक्षण चार्ट जारी करने की व्यवस्था बनाने पर भी काम कर रहा है। अभी इसे 4 घंटे पहले जारी किया जाता है, जिससे वेटिंग या फिर आरएसी टिकट वाले यात्रियों को असुविधा होती है। रेल मंत्री ने बताया कि बीकानेर डिवीजन में इस पर जारी पायलट प्रोजेक्ट को अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। इसे जल्द ही पूरे देश में लागू किया जाएगा।
विंडो खुलते ही टिकट बुक नहीं कर पाएंगे एजेंट : यही नहीं, तत्काल बुकिंग विंडो खुलने के साथ शुरुआती अवधि में थोक बुकिंग रोकने के लिए भारतीय रेलवे के अधिकृत टिकट एजेंटों को पहले 30 मिनट तत्काल टिकट बुक करने की अनुमति नहीं होगी। एसी क्लास के लिए यह प्रतिबंध सुबह 10:00 बजे से 10:30 बजे तक और नॉन-एसी क्लास के लिए सुबह 11:00 बजे से 11:30 बजे तक लागू रहेगा।
आईआरसीटीसी व क्रिस को आवश्यक बदलाव करने के निर्देश : ये बदलाव तत्काल बुकिंग में पारदर्शिता बढ़ाने और आम उपयोगकर्ताओं तक इस सुविधा का लाभ पहुंचाने के उद्देश्य के साथ किए जा रहे हैं। क्रिस और आईआरसीटीसी को इस संबंध में बुकिंग प्रणाली में आवश्यक संशोधन करने और सभी क्षेत्रीय रेलवे और संबंधित विभागों को उचित दिशा-निर्देश जारी करने को कहा गया है।