नई दिल्ली : राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह संविधान पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कांग्रेस पर अतीत और वर्तमान के लिए हमलावर रहे. उन्होंने मुस्लिम पर्सनल लॉ के लिए कांग्रेस से सफाई मांगी.
उन्होंने कहा, “संविधान सभा खत्म होने के बाद चुनाव होने के बाद पहले प्रधानमंत्री नेहरू जी मुस्लिम पर्सनल लॉ लेकर आए. इसी वजह से यूसीसी नहीं आया. मैं कांग्रेस पार्टी से पूछना चाहूंगा कि क्या किसी पंथ निरपेक्ष राष्ट्र में सभी धर्मों के लिए एक कानून होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए? कांग्रेस इसकी स्पष्टता करे.”
‘हिंदू कोड बिल दिखावे के लिए था’ : अमित शाह ने आगे कहा, “क्या आप मुस्लिम पर्सनल लॉ का समर्थन करते हैं? इन्होंने हिंदू कोड बिल भी ला दिया. हम नहीं चाहते कि हिंदू धर्मशास्त्र के मुताबिक कोई भी कानून बने, क्योंकि नियम मौजूदा समय के हिसाब से होने चाहिए. लेकिन कांग्रेस ने हिंदू कोड बिल में एक भी पुराने हिंदू न्याय व्यवस्था का कानून नहीं है. हिंदुओं को बुरा न लगे इसलिए हिंदू कोड बिल भी बना दिया.”
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, “खरगे जी और जयराम रमेश कह रहे हैं कि पर्सनल लॉ का अधिकार मिले तो हमें आपत्ति नहीं है. फिर इसपर मैं कहता हूं कि तो पूरा शरिया लागू करना चाहिए था. उस आधार पर क्या किसी जुर्म के लिए किसी का पूरा हाथ काट दोगे.”
कांग्रेस ने तुष्टिकरण की शुरुआत मुस्लिम पर्सनल लॉ से की-अमित शाह : अमित शाह ने कहा, “निकाह के लिए पर्सनल लॉ, वारिस के लिए पर्सनल लॉ, तो क्रिमिनल मामले में शरिया कानून क्यों नहीं है भाई. अगर पर्सनल लॉ ही देना था तो पूरा ही दे देते. मैं बताना चाहूंगा कि कांग्रेस ने तुष्टिकरण की शुरुआत यहीं से की है.”