नई दिल्ली/मॉस्को : रूस ने अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस संगठन को रूस ने अवांछित संगठन घोषित किया है। अब संगठन को रूस में अपने काम बंद करने होंगे। साथ ही रूस में कोई भी अगर संगठन का सहयोग या समर्थन करेगा तो उस पर मुकदमा चलेगा।
रूसी अधिकारियों ने बताया कि एमनेस्टी इंटरनेशनल को अवांछित संगठन घोषित कर दिया गया है। 2015 के कानून के तहत ऐसे संगठनों के साथ संबंध रखना अपराध होगा। रूसी अभियोजक जनरल के कार्यालय ने इस फैसले की घोषणा की।रूसी अभियोजक जनरल के कार्यालय ने कहा कि एमनेस्टी इंटरनेशनल रूस विरोधी प्रोजेक्ट चला रहा है। वह यूक्रेन की वकालत कर रहा है। एमनेस्टी इंटरनेशनल क्षेत्र में सैन्य टकराव बढ़ाने का प्रयास कर रहा है। वह यूक्रेन के लिए फंडिंग बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।
यह फैसला रूस के आलोचकों, पत्रकारों और कार्यकर्ताओं पर लगातार की जा रही कार्रवाई की दिशा में नया कदम है। इससे पहले रूस ने अमेरिकी सरकार के ब्रॉडकास्टर आरएफई/आरएल और अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण संगठन ग्रीनपीस को प्रतिबंधित किया था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रूस अब तक 223 संगठनों पर प्रतिबंध लगा चुका है।
वैश्विक मानवाधिकार संगठन है एमनेस्टी इंटरनेशनल : उल्लेखनीय है कि एमनेस्टी इंटरनेशनल एक वैश्विक मानवाधिकार संगठन है जो मानवाधिकारों के हनन को रोकने के लिए शोध और कार्रवाई करता है। इसका मुख्यालय लंदन में है। यह मानवाधिकार रक्षकों के लिए समर्थन और वकालत के जरिए मानवाधिकारों को बढ़ावा देने का काम करता है। हाल ही में एमनेस्टी ने एक रिपोर्ट जारी की थी। इसमें यूक्रेन पर रूस के हमलों की आलोचना की गई थी। रिपोर्ट में रूस पर मानवता के खिलाफ अपराध का आरोप लगाया गया है। संगठन ने रूस की कार्रवाई के खिलाफ आवाज उठाई थी।