संभल : यूपी में संभल हिंसा के दौरान सामने आए एक सीसीटीवी फुटेज ने दंगे की हकीकत को उजागर कर दिया है. फुटेज में एक व्यक्ति देसी तमंचे के साथ नजर आ रहा है. वीडियो में दिख रहा है कि यह व्यक्ति सामने खड़े किसी शख्स की ओर तमंचा दिखा रहा था या संभवतः गोली चला रहा था. उसके आस-पास नकाबपोश लोग जमीन से ईंट और पत्थर उठा रहे थे. पुलिस का दावा है कि यह सब सुनियोजित तरीके से किया गया.
दंगाइयों ने की थी फायरिंग, पुलिस का दावा : संभल हिंसा को लेकर शुरू से ही यह आरोप लगाया जा रहा था कि पुलिस की गोली से मौतें हुई हैं. हालांकि, मुरादाबाद के कमिश्नर और पुलिस ने स्पष्ट किया कि किसी की मौत पुलिस की गोली से नहीं हुई. पुलिस ने शक जताया कि दंगाइयों की ओर से भी फायरिंग की गई थी. सीसीटीवी फुटेज पुलिस के इस दावे को मजबूत करता है, जिसमें एक व्यक्ति तमंचा लेकर नजर आ रहा है.
दंगों का मकसद, FIR में साफ हुआ इरादा : संभल पुलिस की ओर से दर्ज की गई एफआईआर में दंगे का मकसद और उसे भड़काने की वजह साफ हो गई है. एफआईआर में लिखा गया है कि दंगाईयों का मकसद किसी भी हालत में मस्जिद के सर्वे को रुकवाना था. यह सर्वे कोर्ट के आदेश पर हो रहा था. एफआईआर के मुताबिक भीड़ को उकसाने के लिए सुनियोजित योजना बनाई गई थी.
“पुलिस के हथियार छीन लो और मार डालो” : एफआईआर में यह भी दर्ज है कि भीड़ ने एकजुट होकर पुलिस पर हमला किया. इसमें दंगाइयों को निर्देश दिए गए थे कि “पुलिसवालों के हथियार और कारतूस छीन लो, उनको मार डालो.” एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि उपद्रवियों ने उसकी सरकारी पिस्टल से मैगजीन तक छीन ली.
सांसद और विधायक के बेटे पर आरोप : एफआईआर में संभल के सांसद जिया उर रहमान बर्क और विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं. एफआईआर के अनुसार, सांसद जिया ने मस्जिद पर जमा भीड़ को भड़काया और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की. वहीं, विधायक के बेटे ने भीड़ को उकसाने और उनका समर्थन करने की बात कही.
दंगाइयों को भड़काने का मुख्य आरोपी : एफआईआर में यह भी दर्ज है कि सुहैल इकबाल ने भीड़ से कहा कि “हम तुम्हारा कुछ नहीं होने देंगे, अपने मंसूबे पूरे करो.” इसके बाद ही भीड़ उग्र हो गई और दंगे भड़क उठे. हालांकि, सुहैल इकबाल ने कैमरे पर सारे आरोपों को नकार दिया है.
अभी तक गिरफ्तारी नहीं : पुलिस की एफआईआर में सांसद और विधायक के बेटे को मुख्य आरोपी बताया गया है. लेकिन अभी तक इनमें से किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है. पुलिस पर यह जिम्मेदारी है कि वह इस मामले की निष्पक्ष जांच करे और दोषियों को सजा दिलाए.