नई दिल्ली : सऊदी अरब के एक इलाके में 8000 साल पुराना शहर और मंदिर मिला है. खुदाई में पूजा-अनुष्ठान के प्रमाण, 2807 कब्रें और एडवांस सिंचाई प्रणाली के अवशेष सामने आए हैं. सऊदी अरब के दक्षिणी इलाके में एक चौंकाने वाली ऐतिहासिक खोज सामने आई है. पुरातत्वविदों को रियाद के करीब स्थित अल-फाओ क्षेत्र में एक ऐसा प्राचीन शहर मिला है, जिसकी उम्र लगभग 8000 साल आंकी गई है. यह खोज न केवल पुरातन सभ्यता की झलक देती है, बल्कि इससे उस समय के सामाजिक और धार्मिक जीवन का भी पता चलता है.
खुदाई के दौरान पुरातत्वविदों को तुवाईक पर्वतमाला की चोटी पर एक रॉक-कट मंदिर मिला है. इस मंदिर के भीतर धार्मिक अनुष्ठानों से जुड़े अवशेष भी मिले हैं, जो दर्शाते हैं कि वहां रहने वाले लोग पूजा-पाठ की परंपरा निभाते थे. इसके अलावा, इस क्षेत्र में कुल 2,807 कब्रें भी मिली हैं, जो अलग-अलग कालखंडों से जुड़ी हुई हैं.
खुदाई के दौरान पुरातत्वविदों को तुवाईक पर्वतमाला की चोटी पर एक रॉक-कट मंदिर मिला है. इस मंदिर के भीतर धार्मिक अनुष्ठानों से जुड़े अवशेष भी मिले हैं, जो दर्शाते हैं कि वहां रहने वाले लोग पूजा-पाठ की परंपरा निभाते थे. इसके अलावा, इस क्षेत्र में कुल 2,807 कब्रें भी मिली हैं, जो अलग-अलग कालखंडों से जुड़ी हुई हैं.
अल-फाओ को कभी किंडा साम्राज्य की राजधानी माना जाता था. यहां मिले धार्मिक शिलालेखों और मंदिरों की मूर्तियों से साबित होता है कि इस इलाके में मूर्तिपूजा की परंपरा थी. सऊदी अरब की हेरिटेज कमीशन की निगरानी में एक अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की टीम ने यहां वर्षों से चल रहे पुरातात्विक अध्ययन को अंजाम दिया.
अल-फाओ को कभी किंडा साम्राज्य की राजधानी माना जाता था. यहां मिले धार्मिक शिलालेखों और मंदिरों की मूर्तियों से साबित होता है कि इस इलाके में मूर्तिपूजा की परंपरा थी. सऊदी अरब की हेरिटेज कमीशन की निगरानी में एक अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की टीम ने यहां वर्षों से चल रहे पुरातात्विक अध्ययन को अंजाम दिया.
इस ऐतिहासिक खोज का एक और अहम पहलू है- प्राचीन सिंचाई प्रणाली. अध्ययन में सामने आया है कि उस काल के लोग बारिश के पानी को खेतों तक पहुंचाने के लिए नहरें, पानी की टंकियां और सैकड़ों गड्ढे बनाते थे. यह इस बात का प्रमाण है कि वे लोग कठिन रेगिस्तानी हालात में भी जल प्रबंधन के उन्नत तरीकों से परिचित थे.
इस ऐतिहासिक खोज का एक और अहम पहलू है- प्राचीन सिंचाई प्रणाली. अध्ययन में सामने आया है कि उस काल के लोग बारिश के पानी को खेतों तक पहुंचाने के लिए नहरें, पानी की टंकियां और सैकड़ों गड्ढे बनाते थे. यह इस बात का प्रमाण है कि वे लोग कठिन रेगिस्तानी हालात में भी जल प्रबंधन के उन्नत तरीकों से परिचित थे.
इस क्षेत्र में नवपाषाण काल (Neolithic period) की भी झलक देखने को मिली है. खुदाई में उस दौर की मानव बस्तियों के अवशेष मिले हैं, जो यह बताते हैं कि यहां हजारों साल पहले भी इंसानी बसाहट मौजूद थी.
इस क्षेत्र में नवपाषाण काल (Neolithic period) की भी झलक देखने को मिली है. खुदाई में उस दौर की मानव बस्तियों के अवशेष मिले हैं, जो यह बताते हैं कि यहां हजारों साल पहले भी इंसानी बसाहट मौजूद थी.
मजबूत पत्थरों से बने इस प्राचीन मंदिर के अवशेष इसके निर्माताओं की शानदार वास्तुकला और गहरी आस्था को दिखाते हैं. इसके पास मिले वेदियों के अवशेष से पता चलता है कि अल-फा क्षेत्र में प्राचीन लोग धार्मिक अनुष्ठान और पूजा करते थे. मजबूत पत्थरों से बने इस प्राचीन मंदिर के अवशेष इसके निर्माताओं की शानदार वास्तुकला और गहरी आस्था को दिखाते हैं. इसके पास मिले वेदियों के अवशेष से पता चलता है कि अल-फा क्षेत्र में प्राचीन लोग धार्मिक अनुष्ठान और पूजा करते थे.
यह खोज न केवल अरब प्रायद्वीप की प्राचीनता को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि किस तरह से हजारों साल पहले के लोग कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में भी उन्नत सामाजिक, धार्मिक और जल प्रबंधन प्रणालियों के साथ जीवन जीते थे. यह खोज न केवल अरब प्रायद्वीप की प्राचीनता को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि किस तरह से हजारों साल पहले के लोग कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में भी उन्नत सामाजिक, धार्मिक और जल प्रबंधन प्रणालियों के साथ जीवन जीते थे.