महादेव : कई मंदिरों के रहस्य करते हैं हैरान…कभी शिवलिंग बदलता है रंग तो कभी मंदिर हो जाता है गायब!

Shiv-Temple

नई दिल्ली : सावन के पवित्र महीने में महादेव के कुछ धार्मिक और चमत्कारी मंदिरों के बारे में जरूर जानना चाहिए. दरअसल भगवान शिव की लीलाएं अनेक हैं. वहीं शास्त्रों में भी बताया महादेव के रहस्यों को समझ पाना साधारण मनुष्य के वश की बात नहीं है. आपको बता दें कि कलयुग में भी शिव से जुड़ी कई ऐसी घटनाएं और मंदिर हैं, जिनके चमत्कार और रहस्य वैज्ञानिकों को भी हैरान कर देते हैं. कभी शिवलिंग बदलता है रंग तो कभी मंदिर हो जाता है गायब! इन मंदिरों के रहस्यों से वैज्ञानिक भी हैरान हैं. जानते हैं महादेव के ऐसे ही पांच चमत्कारी मंदिरों के बारे में, जिनके शिवलिंग और उनसे जुड़ी घटनाएं आज भी एक पहेली बनी हुई हैं.

अचलेश्वर महादेव मंदिर : महादेव का ये पवित्र मंदिर बेहद चमत्कारी है. दरअसल इस मंदिर में हर रोज एक अद्भुत चमत्कार देखने को मिलता है. दरअसल यहां मंदिर के शिवलिंग का रंग दिन में तीन बार बदलता है. जब सुबह होती है तो इस मंदिर का रंग लाल दिखाई देता है. वहीं दोपहर में यह केसरिया हो जाता है. शाम होते-होते शिवलिंग का रंग सांवला हो जाता है. वैज्ञानिक भी इस रहस्य से हैरान हैं.

भोजेश्वर महादेव मंदिर : यह शिव मंदिर दुनिया के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक माना जाता है. परमार वंश के प्रसिद्ध राजा भोज ने इसका निर्माण कराया था. वहीं मंदिर को लेकर ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में साधुओं के एक समूह ने गहन तपस्या की थी. मंदिर का विशाल शिवलिंग एक ही प्रकार के चिकन लाल बलुआ पत्थर से बना है, जो इसकी भव्यता और प्राचीनता का प्रमाण है.

बिजली महादेव मंदिर : महादेव का ये अनोखा मंदिर काफी चमत्कारी और रहस्यमयी है. दरअसल बिजली महादेव मंदिर अपने नाम के अनुरूप ही एक अनोखा चमत्कार दर्शाता है. इस मंदिर के शिवलिंग पर साल में एक बार बिजली गिरती है, जिससे शिवलिंग टुकड़ों में बंट जाता है. वहीं इसके बाद मंदिर के पुजारी शिवलिंग के इन टुकड़ों को मक्खन में लपेटकर रखते हैं. इसके बाद चमत्कार दिखता है कि शिवलिंग दोबारा अपने मूल आकार में आ जाता है.

लक्ष्मणेश्वर महादेव मंदिर : महादेव के इस मंदिर की स्थापना भगवान श्री राम ने की थी. दरअसल खर और दूषण का वध करने के बाद भगवान राम ने अपने भाई लक्ष्मण के आग्रह पर इस मंदिर का निर्माण करवाया था. जहां इस मंदिर के शिवलिंग में एक लाख छिद्र होने की बात कही जाती है. साथ ही बताया जाता है कि इनमें से एक छिद्र ऐसा भी है जो सीधा पाताल लोक से जुड़ा है. जहां इसमें कितना भी पानी डाला जाए, वह गायब हो जाता है यानी उसी में समा जाता है. वहीं यह भी बताया जाता है कि एक अन्य छिद्र ऐसा भी है जो हमेशा जल से भरा रहता है.

स्तंभेश्वर महादेव मंदिर : महादेव का स्तंभेश्वर मंदिर भी काफी रहस्यमयी है. दरअसल बताया जाता है कि यह दिन में दो बार कुछ समय के लिए अदृश्य हो जाता है. इसके पीछे का कारण समुद्र में आने वाले ज्वार-भाटा को बताया जाता है. यह एकमात्र ऐसा शिव मंदिर है, जिसका संबंध भगवान कार्तिकेय और तारकासुर की पौराणिक कथा से है. मंदिर का समुद्र में विलीन होना और पुनः प्रकट होना श्रद्धालुओं और वैज्ञानिकों दोनों के लिए हैरानी का विषय है.

Disclaimer : प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. TheXpoz News इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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