नई दिल्ली/सियोल : दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक-योल ने मार्शल लॉ की घोषणा करने के छह घंटे के अंदर ही इसे वापस लेने का फैसला किया। इस फैसले को लेकर राष्ट्रपति यूं सुक येओल ने कहा कि वे इसे वापस ले लेंगे। बता दें कि दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति सुक-योल ने मंगलवार रात एक चौंकाने वाली घोषणा की थी, जिसमें देश में राष्ट्रीय आपातकाल और मार्शल लॉ की घोषणा की गई थी।
राष्ट्रपति यून सुक-योलका संबोधन : राष्ट्र के नाम विशेष संबोधन में राष्ट्रपति यून सुक-योल ने कहा अभी कुछ समय पहले ही, नेशनल असेंबली से आपातकाल हटाने की मांग की गई थी और हमने मार्शल लॉ ऑपरेशन के लिए तैनात सेना को वापस बुला लिया है। उन्होंने कहा कि हम नेशनल असेंबली के अनुरोध को स्वीकार करेंगे और कैबिनेट मीटिंग के ज़रिए मार्शल लॉ हटाएंगे।
राष्ट्रपति के फैसले के खिलाफ सांसदों ने किया था मतदान : बता दें कि राष्ट्रपति यून सुक-योल के एलान के बाद दक्षिण कोरियाई सांसदों ने मार्शल लॉ का जबरदस्त विरोध किया था। उन्होंने राष्ट्रपति के फैसले की निंदा करने के लिए नेशनल असेंबली के मध्यरात्रि सत्र में मार्शल लॉ लागू करने के ख़िलाफ़ सर्वसम्मति से मतदान किया था। इसके बाद राष्ट्रपति ने वोट का सम्मान करने पर सहमति जताई, जैसा कि सेना प्रमुख ने किया।
सांसदों के विरोध को देखते हुए राष्ट्रपति द्वारा आदेश वापस लेने और राष्ट्र को संबोधित करने के तुरंत बाद, दक्षिण कोरियाई कैबिनेट ने आधिकारिक तौर पर इतिहास के सबसे छोटे मार्शल लॉ में से एक को हटाने के प्रस्ताव को मंजूरी देने के लिए स्थानीय समय अनुसार सुबह 5 बजे बैठक बुलाई।
बताते चले कि दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक-योल ने मंगलवार को आपातकालीन मार्शल लॉ लागू करने की घोषणा की थी. उन्होंने विपक्षी दलों पर देश की शासन व्यवस्था को कमजोर करने, उत्तर कोरिया के प्रति सहानुभूति रखने और संवैधानिक व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया था. यून ने यह घोषणा एक टेलीविजन संबोधन में की. इस ऐलान ने पूरे देश को हैरत में डाल दिया. तनावपूर्ण स्थिति के बीच विपक्ष के सांसदों ने संसद भवन का घेराव करने की कोशिश की, सुरक्षाबलों ने उन्हें हिरासत में लिया था.
संसद भवन में घुसे सैनिक, छत पर उतरे हेलिकॉप्टर : दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में संसद भवन के अंदर और बाहर भारी तनाव का माहौल था. जब विपक्षी सांसद संसद भवन में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे, तब सेना ने उन्हें हिरासत में ले लिया. पूरी तरह हथियारों से लैस विशेष सैन्य बल ने नेशनल असेंबली (संसद) में घुसकर चारों ओर बैरिकेड्स लगा दिए. वहीं, हेलिकॉप्टर भी संसद भवन की छत पर उतरे थे, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई थी.