नई दिल्ली : दुनिया में पहली बार एक महिला ने सिर्फ अपने विचारों की ताकत से कंप्यूटर कंट्रोल किया है. अमेरिका की ऑड्री क्रूज (Audrey Crews), जो पिछले 20 वर्षों से लकवाग्रस्त थीं, अब Neuralink ब्रेन इम्प्लांट की मदद से कंप्यूटर पर बिना कुछ छुए अपना नाम लिख पाने में सफल रही हैं.
“सिर्फ सोचा… और स्क्रीन पर उभर गया नाम” : ऑड्री ने अपने @NeuraNova9 नामक X (पहले Twitter) अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर की, जिसमें उन्होंने डिजिटल स्क्रीन पर लिखा हुआ अपना नाम “Audrey” दिखाया. इसके साथ ही उन्होंने दिल, चेहरा, चिड़िया और पिज्जा जैसे रंगीन डूडल भी बनाए — और ये सब उन्होंने सिर्फ अपने दिमाग की मदद से किया, बिना किसी शारीरिक हरकत के. उन्होंने लिखा, “सोचिए आपका पॉइंटर फिंगर माउस का क्लिक है और आपकी कलाई से कर्सर चलता है — लेकिन असल में कुछ किया नहीं जाता. यही है टेलीपैथी से कंप्यूटर चलाना.”
क्या है Neuralink? : Neuralink एक ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस (BCI) टेक्नोलॉजी है, जिसे Elon Musk ने 2016 में शुरू किया था. इसका उद्देश्य है कि इंसानों के दिमाग को सीधे कंप्यूटर से जोड़ा जाए ताकि जो लोग पैरालिसिस जैसी स्थितियों से जूझ रहे हैं, वे डिजिटल दुनिया से फिर जुड़ सकें. ऑड्री Neuralink के PRIME क्लिनिकल ट्रायल की Patient 9 हैं. उन्होंने बताया कि “मेरी खोपड़ी में छेद करके 128 पतले धागे मोटर कॉर्टेक्स में डाले गए हैं. चिप का साइज एक क्वार्टर जितना है.”
कैसे करता है ये चिप काम? : यह चिप उनके ब्रेन के मूवमेंट सेंटर से सिग्नल पढ़ता है और उसे कंप्यूटर कर्सर की मूवमेंट में बदल देता है. इसका मतलब है कि ऑड्री सिर्फ सोचकर कंप्यूटर पर क्लिक और मूवमेंट कर सकती हैं, जैसे किसी माउस का इस्तेमाल किया जाता है. हालांकि ये चिप उन्हें चलने में मदद नहीं करेगा, लेकिन अब वे डिजिटल डिवाइस को रियल-टाइम में कंट्रोल कर सकती हैं — और वह भी पूरी तरह मानसिक शक्ति से.
एक नई शुरुआत : ऑड्री अब लगातार Neuralink से जुड़ा अपना अनुभव शेयर कर रही हैं और आगे और वीडियो पोस्ट करने का प्लान बना रही हैं. “मैं जल्द ही घर आ रही हूं और तब और भी वीडियो पोस्ट करूंगी जो इस प्रक्रिया को विस्तार में समझाएंगे.” उनका सफर अभी शुरू ही हुआ है, लेकिन उन्होंने दुनिया को दिखा दिया है कि टेक्नोलॉजी और इंसानी सोच मिलकर क्या कमाल कर सकती है.