नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत की जवाबी कार्रवाई की दहशत पाकिस्तान में इस कदर भरी है कि वो हर दरवाजा खटखटा रहा है. अब वो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद पहुंच गया है. पाकिस्तान के अनुरोध पर सोमवार देर रात संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के देशों के बंद कमरे में बैठक हुई, जिसमें भारत-पाकिस्तान के तनाव पर चर्चा हुई. बताया जाता है कि ये बैठक यूएनएससी के सामान्य चैंबर में नहीं होगी, जहां आम तौर पर सामान्य परिचर्चा और अधिवेशन होते हैं. बैठक ऐसे वक्त हुई, जब संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दो परमाणु संपन्न देशों के बीच चरम पर पहुंचे तनाव को लेकर चिंता जताई थी.
दरअसल, पाकिस्तान अभी सुरक्षा परिषद के 10 अस्थायी सदस्यों में से एक है और उसने ताजा हालात पर चर्चा के लिए ऐसी बैठक बुलाने का अनुरोध किया था. सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष यूनान ने ये बैठक आयोजित की. सुरक्षा परिषद में अमेरिका, चीन, रूस, ब्रिटेन और फ्रांस स्थायी सदस्य देश के तौर पर हैं. यूएन में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि आसिम इफ्तिखार ने आरोप लगाया है कि भारत की एकतरफा कार्रवाई से क्षेत्रीय स्थिरता को खतरा पैदा हो गया है. इफ्तिखार ने कहा है कि कश्मीर दोनों देशों के बीच मुख्य मुद्दा है, जो 70 सालों से नहीं सुलझा है.
पाकिस्तान ने पहलगाम आतंकी हमले में शामिल होने से फिर इनकार किया. उसने खुद को बेगुनाह बताते हुए दावा किया कि हम ऐसे हमले की निंदा करते हैं, पाकिस्तान का इसका कोई लेना-देना नहीं है. पाकिस्तान ऐसे हमले की पारदर्शी और स्वतंत्र जांच के लिए भी तैयार है.
बैठक से पहले यूएन महासचिव गुटेरेस ने पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि इसके गुनहगारों को को सजा मिलनी ही चाहिए. हालांकि उन्होंने देशों से संयम बरतने की सलाह देते हुए कहा कि सैन्य कार्रवाई कोई हल नहीं है. गुटेरेस ने कहा कि ऐसे भयानक आतंकी हमले को लेकर जज्बातों को वो बखूबी समझते हैं. पीड़ित परिवारों के साथ हमारी संवेदनाएं हैं. लेकिन सैन्य संघर्ष से बचने की जरूरत है, क्योंकि इससे कभी हालात बेकाबू हो सकते हैं.