यूपी : काशी में गंगा चेतावनी बिंदु पार, मणिकर्णिका घाट की गलियों में लगी शवों की कतार

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वाराणसी : उत्तर प्रदेश के वाराणसी में गंगा नदी चेतावनी बिंदु को पार कर गई है। गंगा अब 70.36 मीटर के ऊपर बह रही है। जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। अब धीरे-धीरे जलस्तर खतरे के निशान 71.26 मीटर की तरफ बढ़ता जा रहा है।

गंगा का जलस्तर बढ़ने की वजह से मणिकर्णिका घाट की गलियों में नाव चलने लगी हैं। शवदाह करने के लिए लोगों को कतार लगानी पड़ रही है। गंगा में बाढ़ की वजह से 15 गांव और शहर के 10 मोहल्ले प्रभावित हो चुके हैं। अब तक 436 परिवारों ने अपना घर छोड़ दिया है।

केंद्रीय जल आयोग की ओर जारी बाढ़ बुलेटिन के अनुसार, सुबह आठ बजे गंगा का जलस्तर 69.92 मीटर था और जलस्तर में हर घंटे चार सेंटीमीटर की बढ़ोतरी हो रही थी। शाम चार बजे गंगा ने चेतावनी बिंदु 70.26 को पार कर लिया और जलस्तर 70.28 मीटर था।

शाम को छह बजे गंगा का जलस्तर 70.36 मीटर पहुंच गया था जो कि चेतावनी बिंदु से 10 सेंटीमीटर ऊपर बह रहा था। मणिकर्णिका घाट की गलियों में नाव चल रही है और छत पर शवदाह के कारण गलियों में शवयात्रियों को 30 से 40 मिनट का इंतजार करना पड़ रहा है।

मसाननाथ सेवा समिति के संजय गुप्ता ने बताया कि जलस्तर बढ़ने के कारण शवदाह में दिक्कत हो रही है और शवयात्रियों को 30 से 40 मिनट इंतजार करना पड़ रहा है। वहीं, हरिश्चंद्र घाट पर गलियों में भी अब जगह कम पड़ने लगी है। घाट के सारे मंदिर पानी में डूब चुके हैं।

केंद्रीय जल आयोग का अनुमान है कि इस वर्ष बाढ़ का कहर भयावह हो सकता है। गंगा के उफान और वरुणा में पलट प्रवाह से दीनदयालपुर, पैगंबरपुर, पुलकोहना, पुराना पुल, रूप्पनपुर और सलारपुर सहित कई तटीय बस्तियों के हालात गंभीर हो गए हैं।

किसान संजय चौधरी और अजय चौधरी ने बताया कि उनके खेतों में लगी भिंडी, लौकी, टमाटर, नेनुआ जैसी मौसमी सब्जियां पानी में डूब चुकी हैं और फसल बर्बादी के कगार पर है।

वरुणा का प्रचंड रूप देख बाढ़ में फंसे लोगों में भय का माहौल है। नक्खी घाट निवासी संजय गुप्ता, दीनदयालपुर के रमेश सोनकर, विजय सोनकर ने बताया कि बाढ़ की स्थिति को देख कर 2014 की स्थिति की याद आ रही है।

गंगा नदी का जलस्तर अब डराने लगा है। पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश के कारण गंगा और वरुणा नदियों में पानी का स्तर तेजी से बढ़ने की आशंका है। स्थानीय लोग आशंका व्यक्त कर रहे हैं कि आने वाले दो चार दिन तक अगर यही हालात रहे हो जलस्तर खतरे के निशान को भी पार कर सकता है। यह स्थिति 1978 के रिकॉर्ड जलस्तर 73.901 मीटर के करीब होगी।
वाराणसी में गंगा में आए बाढ़ के पानी में डूब दशाश्वमेध घाट स्थित जल पुलिस का कार्यालय – चिरईगांव क्षेत्र में बाढ़ का संकट गहराने लगा है। बाढ़ का पानी अब उन क्षेत्रों को भी पार कर गया है, जो कुछ दिन पहले ही डूबे थे। यदि पानी का बढ़ाव इसी तरह जारी रहा तो किसानों की सब्जियों की नर्सरी नष्ट हो सकती है।

गंगा का जलस्तर बढ़ने के बाद नगवां नाला से पानी घुसने के कारण नगवां नाला के किनारे से होकर अस्सी पुष्कर तालाब जाने वाले रास्ते पर पानी लग गया है। सिंचाई विभाग के कर्मचारियों की मदद से चैनल गेट को बंद करवाया गया और पानी के निकासी करने के लिए मोटर पंप को चलवाया गया।

बाढ़ी की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में जनजीवन की सुरक्षा और संभावित आपदा से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए मंडलायुक्त एस राजलिंगम व उपमहानिरीक्षक 11वीं एनडीआरएफ मनोज शर्मा ने संयुक्त रूप से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया।

निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने स्थानीय प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बाढ़ से निपटने की तैयारियों, त्वरित बचाव कार्यों एवं राहत वित्तरण व्यवस्था को समीक्षा की। उप महानिरीक्षक मनोज कुमार शर्मा ने बताया कि एनडीआरएफ की टीमें हर स्तर पर स्थानीय प्रशासन के साथ सतत समन्वय बनाए हुए हैं और किसी भी स्थिति में त्वरित राहत एवं बचाव कार्यों के लिए तैयार है।

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