श्रीनगर : जम्मू और कश्मीर सरकार के गृह विभाग ने बुधवार को मिथ्या आख्यान और अलगाववाद का प्रचार करने वाली 25 पुस्तकों के प्रकाशन पर प्रतिबंध लगाया है। साथ ही उनकी प्रतियों और अन्य दस्तावेज को जब्त करने की घोषणा की है।
गृह विभाग ने जिन पुस्तकों के प्रकाशन पर प्रतिबंध लगाया उनमें प्रमुख रूप से आजादी-अरुंधती राय, कश्मीर फाइट फॉर फ्रीडम-मोहम्मद यूसुफ सर्राफ, इंडीपेंडेंट कश्मीर-क्रिस्टोफर स्नोडेन, बिटवीन डेमोक्रेसी एंड नेशन-सीमा काजी, ए डिस्मेंटल्ड स्टेट ऑफ कश्मीर आफ्टर आर्टिकल 370-अनुराधा भसीन, कश्मीर एट द क्रॉस रोड-सुमंत्र बोस और द कश्मीर डिस्प्यूट-एजी नूरानी सहित अन्य लेखकों की पुस्तकें शामिल हैं।
जारी आदेश में कहा गया है कि जांच और विश्वसनीय खुफिया जानकारी पर आधारित उपलब्ध साक्ष्य स्पष्ट रूप से संकेत देते हैं कि हिंसा और आतंकवाद में युवाओं की भागीदारी के पीछे एक महत्वपूर्ण कारक मिथ्या आख्यानों और अलगाववादी साहित्य का व्यवस्थित प्रसार रहा है।
यह अक्सर ऐतिहासिक या राजनीतिक टिप्पणियों के रूप में आंतरिक रूप से प्रसारित होता है और युवाओं को गुमराह करने, आतंकवाद का महिमामंडन करने और भारतीय राज्य के विरुद्ध हिंसा भड़काने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह साहित्य शिकायत, पीड़ित होने और आतंकवादी वीरता की संस्कृति को बढ़ावा देकर युवाओं के मानस पर गहरा प्रभाव डालेगा।
इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में युवाओं के कट्टरपंथी करण में योगदान देने वाले कुछ तरीकों में ऐतिहासिक तथ्यों को विकृत करना, सेना का अपमान करना, धार्मिक कट्टरपंथ, अलगाव को बढ़ावा देना आदि शामिल हैं। के अंतर्गत 25 पुस्तकों के प्रकाशन और उनकी प्रतियों या अन्य दस्तावेजों को सरकार के पास जब्त करने की घोषणा करती है।