वक्फ बोर्ड के अधिकारी ने किया बिल का समर्थन, विरोध करने वाले मुसलमानों के लिए कही बात

नई दिल्ली : वक्फ संशोधन बिल के विरोध में उतरे विपक्ष और मुस्लिम संगठनों को बिल पेश होने से पहले बड़ा झटका लगा है। उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के चेयरमैन शादाब शम्स ने आज लोकसभा में पेश होने वाले वक्फ बोर्ड संशोधन बिल का समर्थन किया है। साथ ही उन्होंने कहा कि जो लोग इस बिल का विरोध कर रहे हैं वे मुसलमान नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ मुस्लिम संगठन अपने राजनीतिक फायदे के लिए गरीब मुसलमानों को बली का बकरा बनाना चाहती है।

शादाब शम्स ने कहा, “गरीब मुसलमानों को पीएम मोदी से उम्मीदें हैं और इसीलिए हमने इस संशोधन विधेयक का नाम ‘उम्मीद’ रखा है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू उम्मीद की किरण हैं। पीएम मोदी सरकार ने तय किया है कि वे गरीब मुसलमानों को मुख्यधारा में लाएंगे। यह ’70 साल बनाम मोदी कार्यकाल’ है।”

आगे उन्होंने कहा, ”विपक्ष के पास 70 साल थे और उन्होंने जो कर सकते थे किया। उन्होंने वक्फ को लूटा। अमीरों ने गरीबों के हक लूटे…वे मुसलमानों को यह कहकर डरा रहे हैं कि मस्जिदें छीन ली जाएंगी। जो लोग विरोध कर रहे हैं वे मुसलमान नहीं हैं। वे कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, आप और जनता दल के राजनीतिक मुसलमान हैं। उनके पीछे जमीयत उलेमा-ए-हिंद और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड जैसे एनजीओ और समितियां हैं, जो पिछले दरवाजे से राज्यसभा जाना चाहते हैं…वे सभी वक्फ लाभार्थी हैं। उन्हें चिंता है कि यह उनसे छीन लिया जाएगा। हमें यकीन है कि पीएम मोदी वक्फ संशोधन विधेयक पारित करेंगे और गरीब मुसलमानों को उनके अधिकार दिलाएंगे।”

वहीं, आपको बता दें कि वक्फ संशोधन बिल पर जेडीयू और टीडीपी के साथ आने के बाद वक्फ बिल के विरोधियों का प्लान अब फेल हो गया है बावजूद इसके मुस्लिम संगठन हार मानने को तैयार नहीं है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) की तरफ से सभी सेक्यूलर दलों और उनके सांसदों को एक चिट्ठी लिखी गई है जिसमें उनसे वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ वोट देने की अपील की गई है। ये चिट्ठी AIMPLB के अध्यक्ष खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने सांसदों को लिखी है।

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