नई दिल्ली : अमेरिका के व्हाइट हाउस में मंगलवार को उस वक्त अफरा-तफरी मच गई, जब किसी ने उत्तरी लॉन की बाड़ पर एक अज्ञात वस्तु फेंक दी. इस घटना ने सीक्रेट सर्विस को तुरंत हरकत में ला दिया. आनन-फानन में व्हाइट हाउस और आसपास के इलाके को लॉकडाउन कर दिया गया, और वहां मौजूद पत्रकारों को भागकर ब्रीफिंग रूम में शरण लेनी पड़ी.
व्हाइट हाउस में हुआ क्या? : मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, व्हाइट हाउस के उत्तरी लॉन की बाड़ पर कोई चीज फेंकी गई. एक सूत्र ने बताया कि यह एक फोन हो सकता है, लेकिन सीक्रेट सर्विस ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की. जैसे ही यह घटना हुई, सीक्रेट सर्विस ने कोई जोखिम न लेते हुए पूरे परिसर को सील कर दिया. पेनसिल्वेनिया एवेन्यू को बंद कर दिया गया, और बाहर खड़े पत्रकारों को बिना कुछ बताए ब्रीफिंग रूम में ले जाया गया. करीब 30 मिनट बाद सीक्रेट सर्विस ने स्थिति को सामान्य बताते हुए लॉकडाउन हटा लिया.
व्हाइट हाउस में फेंका गया बाहर से फोन : व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा, “किसी ने अपना फोन बाड़ के ऊपर फेंक दिया था.” हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि यह शरारत थी या कोई गंभीर मंशा. यह घटना उस वक्त हुई, जब कुछ ही दिन पहले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर पेनसिल्वेनिया में हुए जानलेवा हमले की पहली बरसी थी. उस हमले में ट्रंप के कान में चोट लगी थी, जिसमें एक लोगों की मौत हुई थी, और दो लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे.
ट्रंप पर हमले की पहली बरसी : पिछले साल 20 साल के थॉमस मैथ्यू क्रूक्स ने ट्रंप की रैली में गोली चलाई थी. उस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया था, क्योंकि यह राष्ट्रपति चुनावों के ठीक पहले हुआ था. अभी तक यह रहस्य बना हुआ है कि क्रूक्स ने ऐसा क्यों किया. इस ताजा घटना ने एक बार फिर व्हाइट हाउस की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठा दिए हैं.
पत्रकारों में मच गई भगदड़ : जब लॉकडाउन हुआ, तो बाहर खड़े पत्रकारों में भगदड़ मच गई. उन्हें जल्दी-जल्दी ब्रीफिंग रूम में ले जाया गया. दोपहर 12:20 बजे तक (स्थानीय समय) पत्रकारों को पाम रूम में इकट्ठा किया गया, क्योंकि ट्रंप पेनसिल्वेनिया में एक कार्यक्रम के लिए निकलने वाले थे. लॉकडाउन हटने के बाद स्थिति सामान्य हुई, लेकिन इस घटना ने सबको सकते में डाल दिया.
किसी ने उत्तरी लॉन की बाड़ पर एक अज्ञात चीज, संभवतः एक फोन, फेंक दिया, जिसके बाद सीक्रेट सर्विस ने सुरक्षा के लिए लॉकडाउन कर दिया. पत्रकारों को तुरंत ब्रीफिंग रूम में ले जाया गया, जहां वे सुरक्षित रहे. लॉकडाउन करीब 30 मिनट तक रहा, जिसके बाद सीक्रेट सर्विस ने ऑल-क्लियर का ऐलान किया. अभी तक इसका कोई सबूत नहीं है, लेकिन यह घटना उस हमले की बरसी के ठीक बाद हुई, जिसने सवाल खड़े किए हैं. प्रेस सचिव ने बताया कि यह एक फोन था, लेकिन उन्होंने और जानकारी नहीं दी. सीक्रेट सर्विस इसकी जांच कर रही है.