बांग्लादेश : विश्व प्रेस आजादी दिवस पर खुलासा, देश में सरकार बदलने के बाद पत्रकारों को जेल में डाला

world-press-freedom-day

नई दिल्ली : बांग्लादेश मीडिया के सामने गंभीर चुनौतियों के बीच शनिवार को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाया। गत वर्ष शेख हसीना सरकार के बाद से ही बांग्लादेश जिन कट्टरपंथी ताकतों के हाथ में है। वह हर जगह अपनों को बिठाने के चक्कर में मीडिया पर सेंसरशिप भी लागू की है। इसके लिए सरकार ने कई समाचार पत्रों, टीवी के संपादकों और पत्रकारों को उनके पदों से हटा दिया। कई को जेल में डाला और नए व समान विचारधारा वालों को जोड़ लिया गया।

बांग्लादेश के बंगाली दैनिक समाचार पत्र अजकर पत्रिका के संपादक पत्रकार गुलाम रहमान ने देश के मीडिया में बढ़ती सेंसरशिप और पारदर्शिता की कमी पर चिंता जताई है। रहमान ने संपादकीय फेरबदल और गिरफ्तारियों के इस पैटर्न को खामोश संकट बताया। उन्होंने कहा, पिछले साल जुलाई-अगस्त में बांग्लादेश में हुए बदलाव के बाद से मीडिया में भी बदलाव हुए हैं।

कई पत्रकार जेल में, बाहर वाले डरे हुए : डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, कम से कम आठ समाचार पत्रों के संपादकों और 11 टीवी चैनलों के समाचार प्रमुखों को या तो बर्खास्त कर दिया गया है या उनसे इस्तीफा लिखवाया गया। कुछ को नौकरी छोड़नी पड़ी। सरकार के खिलाफ राय जताने वाले कई पत्रकारों को गिरफ्तार किया गया। संपादकों को भी जेल हुई। इसे देखते हुए जो पत्रकार-संपादक जेल नहीं भी गए, वे गिरफ्त में आने को लेकर डर गए हैं।

कुछ पत्रकारों पर हत्या तक के आरोप, कई जांच शुरू की : गत वर्ष जुलाई में विद्रोह के बाद हालात इतने विकट हो गए कि कुछ पत्रकारों पर हत्या तक के आरोप लगे। अधिकारी उनके बैंक खातों की भी जांच कर रहे हैं। सरकार ने पत्रकारों के मान्यता कार्ड रद्द कर दिए। कई पत्रकारों की नौकरी चली गई। देश में अभिव्यक्ति की आजादी चिंतनीय है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *