यूपी : गाजियाबाद में बवाल, पशु अवशेषों से भरे ट्रक में लगाई गई आग

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गाजियाबाद : उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में मंगलवार रात एक ट्रक को कथित तौर पर हिंदू युवा वाहिनी और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने आग के हवाले कर दिया। ट्रक में पशुओं की खाल, अवशेष और मांस लदा हुआ था। यह घटना भोजपुर-फरीदनगर रोड पर अमराला गांव के पास हुई। इस हंगामे की वजह से रास्ता करीब दो घंटे तक जाम रहा। पुलिस को हालात काबू में करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा। मोदीनगर के सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) ज्ञान प्रकाश राय ने बताया कि ट्रक हापुड़ के पिलखुवा कस्बे से आ रहा था। तभी हिंदू युवा वाहिनी, बजरंग दल, हिंदू युवा दल और कुछ अन्य संगठनों के कार्यकर्ताओं ने इसे रोक लिया।

हिंदू युवा दल के एक पदाधिकारी नीरज शर्मा ने कहा, ‘हमें खबर मिली थी कि ट्रक में गोमांस ले जाया जा रहा है, जो ईद के लिए था।’ इस खबर से गुस्साए कार्यकर्ताओं ने ट्रक की तिरपाल में आग लगा दी। एसीपी राय ने बताया, ‘ट्रक के ड्राइवर और कंडक्टर की पिटाई की गई। उनकी सुरक्षा के लिए पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया। मौके पर पशु चिकित्सक को बुलाया गया, जिसने जांच के बाद पुष्टि की कि ट्रक में गाय की खाल लदी थी।’ इसके बाद कार्यकर्ताओं ने भोजपुर-फरीदनगर रोड पर धरना शुरू कर दिया और सड़क जाम कर दी। इस दौरान उन्होंने ट्रक से कुछ मांस निकालकर सड़क पर रख दिया, ट्रक की खिड़कियां तोड़ दीं और टायरों की हवा निकाल दी।

पुलिस के मुताबिक, हंगामा बढ़ता देख नजदीकी थानों जैसे निवाड़ी, मोदीनगर और मुरादनगर से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया। रात करीब 10:30 बजे किसी ने ट्रक की तिरपाल पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी। हंगामे को काबू करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। एसीपी राय ने बताया कि इस घटना के संबंध में हिंदू संगठनों के अज्ञात कार्यकर्ताओं के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। मामले की जांच शुरू कर दी गई है। यह घटना इलाके में तनाव का कारण बनी, और पुलिस अब हालात पर नजर रख रही है।

यूपी कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधते हुए अपने X हैंडल पर पोस्ट किया, ‘गाजियाबाद में RSS-BJP पोषित संगठन ने ट्रक में गोमांस होने के शक में पुलिस के सामने ही ट्रक में आग लगा दी। ड्राइवर और क्लीनर को बर्बरतापूर्वक पीटा भी। आखिर इन अराजक तत्वों को चेकिंग करने का अधिकार किस कानून के तहत मिला हुआ है? पुलिस के सामने ही यह गुंडे कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाते रहे और पुलिस हाथ बांधे खड़ी रही, यह किसका आदेश था? भाजपा सरकार के कानून व्यवस्था के सभी दावे ध्वस्त हो चुके है। अपराधी खुद को ही कानून समझ बैठे हैं। दरअसल, सत्ता में बैठे मठाधीश एक बार फिर प्रदेश को सांप्रदायिकता की आग में झोंककर इस पर अपनी सत्ता की रोटी सेंकना चाहते हैं।’

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