श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के एक ट्वीट से सियासी हलचल बढ़ गई है. अब्दुल्ला ने लिखा- ‘मैंने कल जम्मू-कश्मीर में क्या होने वाला है, इस बारे में हर संभव संभावना और संयोजन सुन लिया है, इसलिए मैं पूरी ईमानदारी से कहूंगा कि कल कुछ नहीं होगा. सौभाग्य से कुछ बुरा नहीं होगा, लेकिन दुर्भाग्य से कुछ सकारात्मक भी नहीं होगा. मैं अभी भी संसद के इस मानसून सत्र में जम्मू-कश्मीर के लिए कुछ सकारात्मक होने को लेकर आशावादी हूं, लेकिन कल नहीं. और नहीं, मैंने दिल्ली में लोगों से कोई मुलाकात या बातचीत नहीं की है. यह बस एक आंतरिक भावना है. देखते हैं कल क्या होता है.’
पांच अगस्त और अटकलों की वजह क्या है? : मंगलवार को पांच अगस्त है. हर साल की तरह इस बार भी चर्चा हो रही है कि पांच अगस्त को मोदी सरकार कोई बड़ा फैसला ले सकती है. ऐसी कयासबाजी के बीच तमाम संभावित घटनाक्रमों के चलते ही चर्चा तेज हो गई है कि क्या 5 अगस्त को फिर से मोदी सरकार बड़ा फैसला लेगी. इससे पहले राम मंदिर का शिलान्यास और फिर जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने एवं राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने का फैसला भी 5 अगस्त की तारीख को ही हुआ था. तब साल 2019 था.
सीएम अब्दुल्ला क्या चाहते हैं? : आपको बताते चलें कि उमर अब्दुल्ला चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल किया जाए. इसके लिए वो पीएम मोदी और होम मिनिस्टर अमित शाह से एक और निवेदन करते आए हैं तो दूसरी ओर उन पर हमलावर भी हैं. वो कहते हैं कि उन्हें उम्मीद है कि एक सही समय पर जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलेगा. सरकार ने कभी राज्य का दर्जा देने से इनकार नहीं किया है, बस सही समय की बात कही है. ऐसे में सवाल है कि क्या वह सही समय अब आ गया है. कुछ बड़ा होने के कयास लग ही रहे हैं.