यूपी : फतेहपुर में विवादित धर्मस्थल पर बवाल रोकने में पुलिस नाकाम, हिंसा की चपेट में आने से बचा आबूनगर

Fatehpur-Makbara-Temple-Dispute

फतेहपुर : उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में मकबरा जाने वाली हर गली पर बैरिकेडिंग लगाकर पुलिस ने पुख्ता इंतजाम किए जाने का प्रयास किया था। इसके बाद भी पुलिस बवाल रोकने में नाकाम रही। पुलिस का पहरा मुख्य प्रवेश मार्ग कर्पूरी चौराहे के बाद करीब एक किलोमीटर दूर तक रहा।

फतेहपुर जिले में पुलिस-प्रशासन को जरा भी अंदाजा नहीं था कि विवादित स्थल पर पूजा पाठ का मामला हिंसक रूप ले सकता है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि भीड़ एकाएक आक्रोशित हो गई। प्रवेश मार्ग की बैरिकेडिंग स्थल पर मौजूद पुलिस अधिकारी कम होने के कारण भीड़ के सामने आने पर रोकने के बजाए बचाव की मुद्रा में दिखे। कुछ देर बाद बीजेपी नेताओं के कहने पर भीड़ उठी। इनकी संख्या 300 से अधिक थी। इन्हें मकबरे पर मौजूद फोर्स रोकने में नाकाम साबित हुई।

मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि डाक बंगले के पास कर्पूरी ठाकुर चौराहे पर हिंदूवादी संगठन के लोग सुबह करीब नौ बजे बीजेपी जिलाध्यक्ष मुखलाल पाल के आह्वान पर पहुंच गए थे। जिलाध्यक्ष के आने के बाद धीरे-धीरे भीड़ जुटने लगी। दोपहर 11 बजे भारी भीड़ इकट्ठा हो गई। पुलिस फोर्स भीड़ को देखकर अलर्ट होती इससे पहले ही कार्यकर्ता चल दिए और बैरिकेडिंग के गेट पर धक्का-मुक्की शुरू हो गई।

बाकी फोर्स भी हाथ-पैर समेटे नजर आई : एक बैरिकेड गिरने के बाद भीड़ उस पर चढ़कर निकलने लगी। सीओ सिटी गौरव शर्मा और कोतवाल तारकेश्वर राय भीड़ को रोकने की कोशिश करने लगे ,लेकिन उनकी किसी ने नहीं सुनी। बाकी फोर्स भी हाथ-पैर समेटे नजर आई। जिलाध्यक्ष के कहने पर बाकी भीड़ रुक गई। परिसर स्थल पर प्रशासन के सारे इंतजाम नाकाफी साबित हुए। लोगों बताया कि उधर मकबरे के पीछे दूसरे समुदाय के लोग इकठ्ठा हो गए।

मकबरे में घुसने वाला हिंदू संगठन का जत्था लौट गया : थोड़ी ही देर में पथराव शुरू हो गया। दोनों समुदाय के बीच पत्थर चलने लगे। एक इंस्पेक्टर मजिस्ट्रेट से भीड़ रोकने के लिए आवश्यक बल के प्रयोग करने का आदेश मांगते रहे। मजिस्ट्रेट ने उनकी बात अनसुनी कर दी और मामला शांत कराने के लिए कहा। दोनों समुदायों के बीच झड़प के बाद मकबरे में घुसने वाला हिंदू संगठन का जत्था लौट गया। उपद्रव की खबर पर डीएम व एसपी मौके पर पहुंचे।

भगवा झंडे लेकर दोबारा आई भीड़ को रोका : मकबरे से पूर्व उत्तर दिशा में दूसरे समुदाय की भीड़ लाठी-डंडे लेकर जाने लगी। उधर, कार्यकर्ताओं की भीड़ दोबारा स्थल पर पहुंचने लगी। इस बीच पुलिस बल दो हिस्सों बंट गया। दोनों समुदायों को टकराने से रोकने लिए उनके सामने खड़ा हो गया। दोनों पक्ष तीखी नारेबाजी करते रहे। डीएम व एसपी ने दूसरे समुदाय के लोगों को समझाया। इधर, पुलिस बल ने भगवा झंडे लेकर दोबारा आई भीड़ को रोका।

एसपी ने लाठी पटक भीड़ को खदेड़ा : हालात पर काबू पाने के लिए एसपी अनूप सिंह ने कई बार लाठी लेकर भीड़ को खदेड़ा। दरअसल दूसरे समुदाय के लोग बार-बार भीड़ लेकर मकबरे की ओर जा रहे थे। डीएम ने कई बार उनकी बात को सुना। उन्हें हर संभव मदद व कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद भी भीड़ बेकाबू हो रही थी। जिसमें छोटे-छोटे बच्चे भी शामिल थे। वह भी नारेबाजी कर रहे थे।

घरों के बाहर बैठे लोगों को अंदर किया : विवादित स्थल से 50 मीटर की दूरी पर दूसरे समुदाय के कई घर हैं। जहां लोग बार-बार बाहर आने के बाद माहौल शांत होने के बाद दोबारा माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस की टीमों ने गलियों में गश्त चालू की। घरों के बाहर बैठे महिलाओं, बच्चों व पुरुषों को घर के अंदर भेजा। किसी भी हालत में बाहर निकलने पर रोक लगाई है।

रोड पर भीड़ जुटने से जाम के हालात बने : रोड पर भीड़ जुटने से सुबह जाम लगने लगा। हालांकि पुलिस ने एक साइड का कुछ रास्ता खाली कराया। जहां से वाहनों का आवागमन शुरू हो सका। इसके बाद भी तीन घंटे तक वाहनों को काफी मशक्कत के बाद मौके से गुजरना पड़ा।

बलवाइयों से निपटने की तैयारी धरी रह गई : मकबरा जाने वाली हर गली पर बैरिकेडिंग लगाकर पुलिस ने पुख्ता इंतजाम किए जाने का प्रयास किया था। इसके बाद भी पुलिस बवाल रोकने में नाकाम रही। पुलिस का पहरा मुख्य प्रवेश मार्ग कर्पूरी चौराहे के बाद करीब एक किलोमीटर दूर तक रहा। पुलिस ने सीएमओ कार्यालय रोड से लेकर छह गलियों पर बैरिकेडिंग लगाई थी। मकबरे के आसपास घरों में पुलिस बल की तैनाती की गई थी। पुलिसकर्मी आंसू गैस के गोलों के डिब्बे व रबर गन लेकर घूमते नजर आए।

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