नई दिल्ली : इटली के लैम्पेदुसा द्वीप के पास दर्दनाक हादसा हुआ है। यहां लगभग 100 प्रवासियों को ले जा रही एक नाव बुधवार को पलट गई। इस हादसे में कम से कम 26 लोगों की मौत हो गई और एक दर्जन से अधिक लोग लापता हो गए हैं। इतालवी तटरक्षक और संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) ने इस घटना के बारे में जानकारी दी है।
बढ़ सकता है मृतकों का आंकड़ा : इटली में संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायोग के प्रवक्ता फिलिपो उंगारो ने बताया कि 60 बचे लोगों को लैम्पेदुसा के एक केंद्र में लाया गया है। बचे हुए लोगों के अनुसार, जब नाव लीबिया से रवाना हुई थी, तब उसमें 92 से 97 प्रवासी सवार थे। अधिकारी अब भी बचे हुए लोगों की तलाश कर रहे हैं। तटरक्षक बल ने एक बयान में कहा कि मृतकों की संख्या 26 है, लेकिन यह आंकड़ा बढ़ सकता है।
इस वजह से हुआ हादसा : अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन के प्रवक्ता फ्लेवियो डि गियाकोमो ने जीवित बचे लोगों के बयानों के आधार पर बताया कि लगभग 95 प्रवासी दो नावों में सवार होकर लीबिया से चले थे। उन्होंने बताया कि जब दोनों में से एक नाव में पानी भरने लगा तो सभी यात्रियों को दूसरी नाव में स्थानांतरित कर दिया गया जो फाइबर ग्लास से बनी थी और वह अधिक भार के कारण पलट गई।
क्या कहते हैं आंकड़े? : संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के अनुसार, इस वर्ष अब तक मध्य भूमध्यसागरीय मार्ग से इटली पहुंचने की कोशिश में 675 प्रवासियों की मौत हो चुकी है, इसमें ताजा हादसा शामिल नहीं है। UNHCR के आंकड़ों के अनुसार, 2025 के पहले छह महीनों में 30,060 शरणार्थी और प्रवासी समुद्र के रास्ते इटली पहुंचे, जो पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 16 प्रतिशत अधिक है।
2013 में हुआ था सबसे भयानक हादसा : अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) का कहना है कि उत्तरी अफ्रीका से दक्षिणी यूरोप की ओर जाने वाला यह अनियमित समुद्री मार्ग दुनिया के सबसे खतरनाक मार्गों में से एक है। पिछले दस वर्षों में लगभग 24,500 लोग भूमध्यसागर पार करते समय मारे गए या लापता हो गए हैं। सबसे भयानक हादसा 3 अक्टूबर 2013 को हुआ था, जब इरिट्रिया, सोमालिया और घाना के 500 से अधिक प्रवासियों को ले जा रही नाव में आग लगने के बाद वह पलट गई थी। इस हादसे में कम से कम 368 लोगों की मौत हो गई थी।