नई दिल्ली/वॉशिंगटन : अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार शिकागो और बाल्टीमोर जैसे डेमोक्रेटिक राज्यो में सेना भेजने की धमकी दे रहे है। ऐसे में इस बात को लेकर अमेरिकी की राजनीति में एक अलग स्तर की गर्माहट चल रही है। ऐसे में ट्रंप की इन धमकियों पर इलिनोइस के गवर्नर और डेमोक्रेट नेता जेबी प्रित्जकर ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति को सख्त संदेश देते हुए कहा कि मि. प्रेसिडेंट, शिकागो मत आइए, यहां न आपकी जरूरत है, न चाहत। गवर्नर प्रित्जकर ने यह बयान शिकागो रिवर वॉक पर ट्रंप टावर के सामने पानी के टैक्सी से गुजरते हुए दिया।
बता दें कि ट्रंप ने हाल ही में लॉस एंजिलिस और वॉशिंगटन डीसी में नेशनल गार्ड तैनात किए थे। इसके बाद अब वे शिकागो और बाल्टीमोर को अपना अगला मिशन बता रहे हैं। ट्रंप का कहना है कि इन शहरों में अपराध बेकाबू है और स्थानीय नेता स्थिति संभाल नहीं पा रहे हैं। उन्होंने कहा था कि प्रित्जकर को मुझे कॉल करना चाहिए और कहना चाहिए था कृपया सेना भेजिए।
ट्रंप के बयान पर प्रित्जकर का सख्त जवाब : शिकागो में पत्रकारों से बात करते हुए प्रित्जकर ने ट्रंप पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि यह अपराध से लड़ने के लिए नहीं, बल्कि एक अहंकारी व्यक्ति द्वारा अपने राजनीतिक विरोधियों को डराने की कोशिश है। उनके साथ शिकागो के मेयर ब्रैंडन जॉनसन और अन्य नेता भी थे।
प्रित्जकर ने कहा कि ट्रंप उनसे या अन्य डेमोक्रेटिक गवर्नरों से बात किए बिना ही ऐसी धमकियां दे रहे हैं। उन्होंने कहा, “अगर आपने मेरे लोगों को नुकसान पहुंचाया, तो कोई समय या राजनीतिक हालात मुझे आपको न्याय के कटघरे में लाने से नहीं रोक पाएंगे।
डेमोक्रेट्स की रणनीति- डर नहीं, समाधान की बात : गौरतलब है कि इस दौरान डेमोक्रेट नेता जैसे मैरीलैंड के गवर्नर वेस मूर ने भी ट्रंप की योजना की आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह केवल पुराने स्टीरियोटाइप को बढ़ावा देने का तरीका है। हालांकि, कुछ सर्वे बताते हैं कि अपराध के मुद्दे पर मतदाता अधिकतर रिपब्लिकन को समर्थन देते हैं।
फिर भी डेमोक्रेट्स का मानना है कि वे जनता को यह समझा सकते हैं कि सख्ती नहीं, बल्कि स्मार्ट नीतियां ही अपराध का स्थायी समाधान हैं। मेयर ब्रैंडन जॉनसन ने कहा कि हम जेल में डालकर हिंसा को खत्म नहीं कर सकते। उन्होंने ट्रंप प्रशासन द्वारा पुलिस, हाउसिंग और सामाजिक कार्यक्रमों के लिए फंड में की गई कटौती को भी उजागर किया।