नई दिल्ली : पूर्व राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष सरदार त्रिलोचन सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की सबसे बड़ी गलती बताई है. सिखों की हिस्ट्री बताने के सवाल पर उन्होंने कहा कि नेहरू डेमोक्रेट थे, सब ठीक है लेकिन नेहरू की सबसे बड़ी गलती क्या है? उन्होंने धर्म को इग्नोर कर दिया. ये सबको पता ही नहीं है कि इंडिया 700 साल गुलाम रहा. भारत की जो आजादी है, वो हिंदू कौम की भी इंडिपेंडेंस है. यह हमने नारा नहीं लगने दिया. आगे उन्होंने नरेंद्र मोदी की सफलता का राज भी शेयर किया.
सिखों के बड़े नेता ने कहा कि जब से इस्लाम उठा है, सबसे पहले इंडिया में आया. उसने 980 में एंट्री की. आगे 600-700 साल वो और 200 साल अंग्रेज रहे तो करीब 800 साल भारत का हिंदू गुलाम बना रहा. ये हम किसी को बताते नहीं हैं. हम कहते हैं कि 1857 में आजादी आ गई तो वो 600 साल कहां गई? मैंने संसद में खड़े होकर यह बोला था. मैंने कहा कि वो 600 साल का राज मुगलों का था. नेहरू ने उसको अपना राज बना लिया. नेहरू ने माना कि वे (मुगल) इंडिया में रह गए इसलिए इंडियन हैं.
मोदी की सफलता का राज? : उन्होंने आगे कहा कि मोदी को सफलता क्यों मिली? हिंदू में यह फीलिंग आ गई कि हमें जो 600 साल की गुलामी है, उसे तो नेहरू ने भुला दी. उस पर कभी बोले ही नहीं. सरदार ने कहा कि मैंने मोदी जी को भी यही बोला था कि सिखों को ये अच्छा नहीं लगता कि नेहरू ने रिलीजन निकाल दिया. वो सेक्युलरिज्म एक ऐसा शब्द ले आए जिसकी फीलिंग हट गई.
सिखों से बड़ा सेक्युलर कौन? : उन्होंने जोर देकर कहा कि सेक्युलर तो हम हैं. सिखों से बड़ा सेक्युलर कौन होगा? सिखों में तो गोल्डन टेंपल का फाउंडेशन मियां मीर एक मुसलमान ने रखा. हमारे से बड़ा सेक्युलर कौन है? लेकिन सबसे ज्यादा हम मरे हैं मुसलमानों से. फिर भी हमारी मुस्लिम से कोई फाइट नहीं है. हम कहते हैं कि वो जो भी किया जुल्म किया. हम बाबर और औरंगजेब के खिलाफ हैं लेकिन अकबर के खिलाफ नहीं हैं. मैं संसद में भी बोला था. मैंने कहा कि बाबर के नाम पर इंडिया में कुछ भी नहीं होना चाहिए. क्योंकि बाबर और गुरु नानक समकालीन थे और गुरु नानक जो लिख गए वो तो पक्का है न. उन्होंने लिखा है कि इससे बड़ा जुल्म, जो बाबर ने किया इंडिया की हिस्ट्री में पहले कभी नहीं हुआ.
सरदार ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह ने औरंगजेब के खिलाफ लिखा है. इसका मतलब है कि हर कोई इन दोनों से नफरत करता था. मैंने संसद में बोला था कि इनके नाम पर इंडिया में कुछ भी नहीं होना चाहिए. सब मुसलमान सांसद चुप हो गए थे. मेरी स्पीच के बाद किसी ने भी बाबरी मस्जिद का जिक्र नहीं किया. जब मैंने बताया कि बाबर कौन था.
पंजाबी सूबा नेहरू के बाद बना : उन्होंने आगे कहा कि सिखों को यही लगता है कि हमारी कद्र नहीं हुई. कसूर किसका है? उस सरकार का. नेहरू के समय में सिख यही सोचते थे कि हमने इतनी बड़ी कुर्बानी दी, हमसे जो वादा किया था वो दिया नहीं गया. इसी से हमारा विरोध शुरू हो गया. पंजाब को छोड़ बाकी सारे स्टेट भाषा के आधार पर कर दिया गया लेकिन पंजाबी सूबा नेहरू के जाने के बाद बना.