भोपाल : बागेश्वर बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने जिहाद को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा, “देश में बहुत जिहाद चल रहे हैं, जिसमें थूक जिहाद, लैंड जिहाद, लव जिहाद है। प्रायोजित तरीके से कुंठित, संकुचित मानसिकता के लोग हिंदू बहन-बेटियों को अपने प्रेम के झांसे में फंसाते हैं और जब उनके मंसूबे पूरे नहीं होते, तो उन्हें मौत के घाट उतार देते हैं।”
जात-पात की करो विदाई : धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा, “हिंदू बहन-बेटियों, इस बात को समझ नहीं रहीं, इसलिए तो हम दिन-रात प्रयत्न कर रहे हैं कि हिंदुओं जागो, अभी नहीं तो कभी नहीं। हिंदुओं, अब नहीं जागोगे तो कब जागोगे। आज यह बुरहानपुर में हुआ, एक दिन ऐसा आएगा कि घर-घर में न होने लगे तो कहना। जात-पात की करो विदाई, हम सब हिंदी भाई-भाई।”
मालेगांव ब्लास्ट के समय लिखी गई थी भगवा आतंकवाद की कहानी : बाबा बागेश्वर ने मालेगांव ब्लास्ट केस को लेकर भी बयान दिया। उन्होंने कहा, “बहुत पुराने समय पर जब यह घटना हुई थी, तब उसमें बहुत प्रायोजित तरीके से स्टोरी (कहानी) लिखी हुई थी, पर्दे के पीछे उसका नाम था भगवा आतंकवाद। बड़े प्रायोजित तरीके से भगवा और सनातन को बदनाम करने के लिए यह कहानी लिखी गई थी। बहुत दिन बाद यह सिद्ध हो गया कि भगवा आतंकवाद न था, न हो सकता है, क्योंकि भगवा हमेशा से सबको मानने वाला और दया, प्रेम, करुणा बरसाने वाला होता है, अब इस पर पूर्णतः रोक लग गई कि भगवा आतंकवाद नहीं होता, न हो सकता।”
सनातन महाकुंभ में कही थी ये बात : इससे पहले जुलाई में बिहार की राजधानी पटना में हुए सनातन महाकुंभ के दौरान भी धीरेंद्र शास्त्री ने जनता को संबोधित किया था और कहा था, “बिहार में वैसे ही बहार है। बिहार पहला राज्य होगा जो हिन्दू राष्ट्र होगा। हमारे मन में था, पटना दोबारा आ गये, पिछली बार सुरक्षा कारणों से अनुमति नहीं मिल सकी थी। सनातन का मतलब है पूरे विश्व का विश्व गुरु, हर हर महादेव। बिहार के पागलों, एक बात गांठ बांध लो, हम सब हिन्दू एक हैं।”
यहां धीरेंद्र शास्त्री ने कहा था, “अभी वर्तमान में कहीं भाषा तो कहीं क्षेत्रवाद की लड़ाई चल रही है, लेकिन हिन्दुओं को बंटने नहीं देना है। उन्होंने कहा कि कुछ ताकतें गजवा-ए-हिन्द बनाना चाहती हैं, लेकिन हमारा एक ही सपना है कि भगवा-ए-हिन्द होना चाहिए। हमें किसी विरोधियों से दिक्कत नहीं है, हमें उन हिन्दुओं से दिक्कत है जो जाति के नाम पर लड़ाते हैं। हम किसी पालकी के नहीं हैं, जिस-जिस पालकी में हिन्दू हैं, हम उसके हैं।”