नई दिल्ली/न्यूयॉर्क : संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की खुली बहस में भारत ने 1971 युद्ध का जिक्र कर पाकिस्तान को बेनकाब किया। संघर्ष में यौन हिंसा पर खुली बहस में भारतीय राजनयिक एल्डोस मैथ्यू पुन्नूस ने कहा कि संघर्ष के दौरान यौन हिंसा जैसे घिनौने अपराध करने वालों की कड़ी निंदा की जानी चाहिए और उन्हें न्याय के कटघरे में खड़ा किया जाना चाहिए।
राजनयिक पुन्नूस ने आगे कहा कि यह एक शर्मनाक सच्चाई है कि 1971 में पाकिस्तानी सेना ने पूर्वी पाकिस्तान में लाखों महिलाओं पर अमानवीय यौन हिंसा की। दुर्भाग्य से यह निंदनीय सिलसिला आज भी बेरोकटोक और बेखौफ जारी है।
ओएचसीएचआर की हालिया रिपोर्टों में भी घटनाओं का जिक्र : राजनयिक ने आगे कहा कि आज भी पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों की महिलाओं और लड़कियों के साथ अपहरण, मानव तस्करी, बाल विवाह और जबरन विवाह, घरेलू दासता, यौन हिंसा और जबरन धर्मांतरण जैसी घटनाएं हो रही हैं। इन्हें सताने और डराने के हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। इन घटनाओं का जिक्र और पुष्टि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार संगठन (OHCHR) की हालिया रिपोर्टों में भी की गई है।
पाकिस्तान की न्यायपालिका भी अपराधों को सही ठहराती हैं : उन्होंने आगे कहा कि रिपोर्टें यह भी बताती हैं कि पाकिस्तान की न्यायपालिका भी कई बार इन अपराधों को सही ठहराती हैं। यह विडंबना है कि जो लोग खुद ऐसे अपराध करते हैं, वही आज न्याय के ठेकेदार बनकर सामने आते हैं। उनकी दोहरी नीति और पाखंड साफ नजर आता है।