महाराष्ट्र : कल्याण-डोंबिवली में  स्वतंत्रता दिवस पर मीट बेचने पर रोक, विपक्ष ने कहा-हम करेंगे मटन पार्टी

Maharashtra-Opposition-Threats-Mutton-Party

मुंबई : महाराष्ट्र में कल्याण-डोंबिवली नगर निगम (KDMC) ने बड़ा फैसला लेते हुए स्वतंत्रता दिवस पर मांस की बिक्री पर पाबंदी लगा दी. केडीएमसी के इस आदेश के महाराष्ट्र की सियासत गरमा गई है. विपक्षी पार्टियां हमलावर हो गई है. एनसीपी (SP) और शिवसेना (UBT) के नेताओं ने इसे लोगों के खाने-पीने के ऑप्शन पर हमला बताया है.

केडीएमसी की कसाईयों को चेतावनी : केडीएमसी के आदेश के मुताबिक, बकरियों, भेड़ों, मुर्गियों और बड़े जानवरों के लाइसेंस याफ्ता कसाईयों की सभी बूचड़खाने और दुकानें 14 अगस्त की मध्यरात्रि से 15 अगस्त की मध्यरात्रि तक. यानी 24 घंटे के लिए बंद रहेंगी. नगर निकाय ने चेतावनी दी है कि अगर इस दौरान किसी भी जानवर को काटा गया या उसका मांस बेचा गया तो महाराष्ट्र म्युनिसिपल कारपोरेशन एक्ट, 1949 के तहत कार्रवाई की जाएगी.

‘बिक्री पर बैन, खाने पर कोई पाबंदी नहीं’ : केडीएमसी की डिप्टी कमिश्नर कंचन गायकवाड़ ने कहा कि यह आदेश 1988 से हर साल नागरिक संकल्प के तहत जारी किया जाता है. इसका मकसद अमनो अमान को यकीनी बनाना और अहम राष्ट्रीय अवसरों का पालन करना है. वहीं, एडिशनल कमिश्नर योगेश गोडसे ने साफ किया कि मटन और चिकन की बिक्री पर बैन है, लेकिन इसे खाने पर कोई पाबंदी नहीं है. उन्होंने कहा कि यह आदेश नया नहीं है और इसे गणतंत्र दिवस पर भी लागू किया गया है.

विपक्ष की 15 अगस्त को मटन पार्टी का आयोजन : हालांकि, विपक्षी पार्टियों ने इस आदेश पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. एनसीपी (SP) विधायक जितेंद्र आव्हाड ने ऐलान किया कि वह 15 अगस्त को खाने की ‘आज़ादी’ का दावा करने के लिए मटन पार्टी आयोजित करेंगे. उन्होंने कहा, ‘जिस दिन हमें आज़ादी मिली, उसी दिन आप हमसे अपनी पसंद का खाना खाने की आजादी छीन रहे हैं.’ उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा, ‘यह तो हद हो गई. आप कौन होते हैं यह तय करने वाले कि लोग क्या और कब खाएंगे?’

‘कोई क्या खाना चाहता है या क्या नहीं, यह उसका निजी मामला’ : वहीं, भिवंडी से एनसीपी (SP) सांसद सुरेश म्हात्रे ने भी KDMC के इस कदम का विरोध किया और इसे पारंपरिक खान-पान की आदतों का उल्लंघन बताया. उन्होंने आगरी-कोली कम्युनिटी की सांस्कृतिक खान-पान प्रथाओं की तरफ इशारा करते हुए कहा, ‘दुनिया में जहां कहीं भी समुद्र है, वहां लोगों का खान-पान उनके आसपास के माहौल से मेल खाता है. कोई क्या खाना चाहता है या क्या नहीं, यह उसका निजी मामला है. यह पाबंदी उचित नहीं है.’

शिवसेना ने दिया जवाब : जबकि, कल्याण (पश्चिम) के विधायक और सत्तारूढ़ शिवसेना नेता विश्वनाथ भोईर ने KDMC के इस आदेश का बचाव करते हुए कहा, ‘अगर एक दिन भी मांस खाए बिना गुजर जाए, तो क्या होगा? आम लोग शिकायत नहीं कर रहे हैं. नगर निगम प्रशासन नागरिकों के हित में काम करता है.’

‘हमारे प्रसाद में झींगे और मछली होती है’ : शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने केडीएमसी कमिश्नर को लोगों को खुद के खाने के ऑप्शन तय करने के लिए निलंबित करने की मांग की. शिवसेना नेता ने कहा, ‘स्वतंत्रता दिवस पर हम क्या खाते हैं, यह हमारा अधिकार है. हमारी आजादी है. वे हमें यह नहीं बता सकते कि हमें शाकाहारी खाना है या मांसाहारी. हमारे घर में नवरात्रि में भी हमारे प्रसाद में झींगे और मछली होती है, क्योंकि यह हमारी परंपरा है. यह हमारा हिंदू धर्म है. यह धर्म का मामला नहीं है, और न ही यह राष्ट्रीय हित का मामला है. महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य ठाकरे ने कमिश्नर पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘कमिश्नर कौन होता है लोगों को यह बताने वाला कि वे मांसाहारी खा सकते हैं या नहीं? हम तो मांसाहारी ज़रूर खाएंगे.’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *