नई दिल्ली/अबुजा : नाइजीरिया के उत्तर-पश्चिमी राज्य कटसिना के उंगुवान मंताऊ कस्बे में मंगलवार सुबह उस वक्त अफरा-तफरी मच गई जब अज्ञात बंदूकधारियों ने एक मस्जिद पर हमला कर दिया। इस हमले में कम से कम 27 लोगों की मौत हो गई। यह हमला सुबह की नमाज के दौरान हुआ, जब बड़ी संख्या में लोग इबादत में शामिल थे। स्थानीय प्रशासन के मुताबिक, किसी संगठन ने अभी तक हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन इस क्षेत्र में किसानों और चरवाहों के बीच जमीन और पानी को लेकर लंबे समय से तनाव चलता आ रहा है। मीडिया रिपोर्ट की माने तो अक्सर इसी विवाद के चलते हिंसक झड़पें और हत्याएं होती रही हैं।
तनाव के बाद सेना की तैनाती : वहीं मामले में बढ़ते तनाव को देखते हुए राज्य के आयुक्त नासिर मुआजू ने बताया कि हमले के बाद सेना और पुलिस को इलाके में तैनात किया गया है, ताकि आगे किसी और हमले को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि बरसात के मौसम में बंदूकधारी अक्सर खेतों में फसलों के बीच छिप जाते हैं, और वहां से गांवों पर हमला करते हैं।
अधिकारियों का मानना है कि यह हमला हाल ही में गांववालों द्वारा कुछ हमलावरों को मारने के जवाब में किया गया हो सकता है। दरअसल, बीते सप्ताह के अंत में स्थानीय लोगों ने घात लगाकर कई बंदूकधारियों को मार गिराया था।
लगातार बढ़ रही हिंसा : गौरतलब है कि पिछले महीने भी नाइजीरिया के उत्तर-मध्य क्षेत्र में एक हमले में 150 लोगों की जान चली गई थी। जानकारों का कहना है कि अब ज्यादा चरवाहे हथियार उठा रहे हैं, जिससे यह संघर्ष और खतरनाक हो गया है। बात अगर इस संघर्ष की जड़ों की करें तो इस संघर्ष की जड़ में जमीन और चराई के अधिकार हैं। किसान आरोप लगाते हैं कि चरवाहे (ज्यादातर फुलानी समुदाय के) अपने मवेशियों को उनकी फसलों पर ले जाते हैं, जिससे उनकी मेहनत बर्बाद होती है। वहीं चरवाहे दावा करते हैं कि ये जमीनें ग्रहण अधिकार वाले पारंपरिक चराई मार्ग हैं, जिनका 1965 से कानूनी समर्थन है।