सूडान : राहत सामग्री ले जा रहे संयुक्त राष्ट्र के ट्रकों पर ड्रोन हमला, 16 वाहनों में खाद्यान्न जलकर राख

Sudan-UN-Drone-Attack

नई दिल्ली : सूडान के अकालग्रस्त उत्तरी दारफुर क्षेत्र में आवश्यक खाद्यान्न ले जा रहे संयुक्त राष्ट्र के ट्रकों पर ड्रोन हमला किया गया। इस हमले में 16 ट्रकों में भीषण आग लग गई। संयुक्त राष्ट्र के सभी वाहन नष्ट हो गए। संयुक्त राष्ट्र की सहयोगी प्रवक्ता डेनिएला ग्रॉस ने कहा कि विश्व खाद्य कार्यक्रम के काफिले के साथ यात्रा कर रहे सभी चालक और कर्मचारी सुरक्षित हैं।

इस हमले के लिए कौन जिम्मेदार? : ग्रॉस ने कहा कि यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि बुधवार के हमले के लिए कौन ज़िम्मेदार था? पिछले तीन महीनों में संयुक्त राष्ट्र के काफिले को उत्तरी दारफुर पहुंचने से रोकने के लिए किया गया यह दूसरा हमला था।

पहले भी हो चुके हमले : जून की शुरुआत में उत्तरी दारफुर की घेराबंदी की गई राजधानी अल-फशर जाने की मंजूरी का इंतजार कर रहे विश्व खाद्य कार्यक्रम और यूनिसेफ के एक काफिले पर हमला किया गया था, जिसमें पांच लोग मारे गए थे और कई अन्य घायल हुए थे।

खार्तूम समेत कई क्षेत्रों में भड़की है हिंसा : सूडान में अप्रैल 2023 से ही संघर्ष के हालात हैं। जब उसके सैन्य और अर्धसैनिक नेताओं के बीच लंबे समय से चल रहे तनाव से भड़की हिंसा राजधानी खार्तूम में भड़क उठी और पश्चिमी दारफुर सहित अन्य क्षेत्रों में फैल गई।

अब तक करीब 40 हजार लोग मारे गए : संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों का कहना है कि अब तक लगभग 40,000 लोग मारे गए हैं। लगभग 1.3 करोड़ लोग विस्थापित हुए हैं। ग्रॉस ने कहा कि लगभग 2.5 करोड़ लोग भीषण भूखमरी का सामना कर रहे हैं।

की जा रही है जांच : अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्सेज और उनके सहयोगियों ने जून के अंत में घोषणा की कि उन्होंने अपने नियंत्रण वाले क्षेत्रों में मुख्य रूप से विशाल दारफुर क्षेत्र में एक समानांतर सरकार बनाई है। जहां युद्ध अपराधों और मानवता के खिलाफ अपराधों के आरोपों की जांच की जा रही है।

भुखमरी का सामना कर रहे लोग : आरएसएफ ने अल-फशर को घेर लिया है। जहां संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि लोग भुखमरी का सामना कर रहे हैं। यह दारफुर में एकमात्र राजधानी है, जहां अर्धसैनिक बलों का कब्जा नहीं है, जो पांच राज्यों से मिलकर बना है।

सुडान के 17 क्षेत्रों में फैला अकाल का खतरा : एक साल से भी पहले उत्तरी दारफुर के ज़मज़म विस्थापन शिविर में अकाल की घोषणा की गई थी। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि अकाल का खतरा तब से दारफुर और कोर्डोफन क्षेत्र के 17 क्षेत्रों तक फैल गया है, जो उत्तरी दारफुर से सटा हुआ है और खार्तूम के पश्चिम में है।

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