नई दिल्ली : भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने बुधवार को अपने कर्मचारियों के लिए एक बड़ा ऐलान किया। टीसीएस ने कर्मचारियों को सूचना दी कि कंपनी जूनियर लेवल से लेकर मिड लेवल के लगभग 80 प्रतिशत कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी करेगी।
टाटा ग्रुप की आईटी कंपनी टीसीएस के चीफ ह्यूमन रिसोर्स ऑफिसर (सीएचआरओ) मिलिंद लक्कड़ और सीएचआरओ नामित के. सुदीप ने बुधवार को कर्मचारियों को भेजे एक ईमेल में कहा कि सैलरी हाइक 1 सितंबर, 2025 से प्रभावी होगी। टीसीएस के इस ईमेल से कंपनी के 80 प्रतिशत कर्मचारियों में खुशी की लहर है तो वहीं दूसरी तरफ 20 प्रतिशत कर्मचारियों को निराशा हाथ लगी है।
12,000 से ज्यादा कर्मचारियों को नौकरी से निकालेगी कंपनी : टीसीएस ने टैलेंट को पुरस्कृत करने और उन्हें बनाए रखने का ये फैसला ऐसे समय में लिया गया है, जब कंपनी अपने कुल वर्कफोर्स से 12,000 से ज्यादा कर्मचारियों को नौकरी से निकालने जा रही है। टीसीएस ने अभी हाल ही में अपने ग्लोबल वर्कफोर्स के लगभग 2 प्रतिशत यानी करीब 12,261 कर्मचारियों की छंटनी की घोषणा की थी, जिनमें से ज्यादातर कर्मचारी मिड लेवल और सीनियर लेवल के होंगे। टीसीएस ने छंटनी को लेकर एक बयान में कहा था कि ये कदम कंपनी की ‘भविष्य के लिए तैयार संगठन’ बनने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है, जो टेक्नोलॉजी, एआई डेप्लॉयमेंट, मार्केट एक्सपेंशन और वर्कफोर्स रीस्ट्रक्चर में निवेश पर केंद्रित है।
टीसीएस के मौजूदा कर्मचारियों की संख्या 6 लाख से ज्यादा : जून, 2025 के अंत तक टीसीएस के कर्मचारियों की संख्या 6,13,069 थी। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में कंपनी ने 5000 कर्मचारियों को नौकरी पर रखा था। टीसीएस द्वारा छंटनी की घोषणा, केंद्र सरकार और कर्नाटक सरकार दोनों के संज्ञान में है। कर्नाटक राज्य आईटी/आईटीईएस कर्मचारी संघ (केआईटीयू) ने बड़े पैमाने पर छंटनी पर कड़ी आपत्ति जताई थी और अतिरिक्त श्रम आयुक्त जी. मंजूनाथ के समक्ष टीसीएस के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। एक बयान में, संघ ने कहा कि उसने औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए प्रबंधन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है।