बंगाल : TMC में आंतरिक कलह आई सामने, सांसद कल्याण बनर्जी का मुख्य सचेतक पद से इस्तीफा

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नई दिल्ली : तृणमूल कांग्रेस सांसद कल्याण बनर्जी के लोकसभा में मुख्य सचेतक पद से इस्तीफा दिए जाने के बाद सोमवार को पार्टी में आंतरिक कलह खुलकर सामने आ गई। ऐसा माना जा रहा है कि बनर्जी ने यह कदम पार्टी की सहयोगी महुआ मोइत्रा की विवादित टिप्पणी के बाद उठाया है, जिसमें उन्होंने बनर्जी को ‘सुअर’ कहा था।

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने एक पॉडकास्ट में कल्याण बनर्जी पर निशाना साधा और उन्हें ‘सुअर’ करार दिया, क्योंकि कल्याण बनर्जी ने उन्हें महिला विरोधी कहा था और उन पर एक परिवार को तोड़ने का आरोप भी लगाया था। इससे पहले, दोनों के बीच बंगाल के एक लॉ कॉलेज में हुए दुष्कर्म के मामले को लेकर भी तकरार हुई थी।

ममता बनर्जी की बैठक के कुछ घंटों बाद दिया इस्तीफा : टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने सोमवार को लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने के बाद बनर्जी ने आरोप लगाया कि सांसदों के बीच सही तालमेल न होने के लिए उन्हें गलत तरीके से दोषी ठहराया जा रहा है, जबकि कुछ सांसद तो संसद में दिखाई भी नहीं देते। कल्याण बनर्जी ने इस्तीफा देने का कदम टीएमसी सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अध्यक्षता में सांसदों की एक वर्चुअल बैठक के कुछ घंटों बाद उठाया, जहां उन्होंने कथित तौर पर पार्टी की संसदीय शाखा में खराब समन्वय पर अपनी नाराजगी जाहिर की।

अब मैं राजनीति छोड़ने तक के बारे में सोच रहा हूं : समाचार एजेंसी पीटीआई ने बनर्जी के बयान के हवाले से कहा, ‘मैंने लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक के पद से इस्तीफा दे दिया है, क्योंकि ‘दीदी’ (ममता बनर्जी) ने वर्चुअल बैठक के दौरान कहा था कि पार्टी सांसदों के बीच समन्वय की कमी है। इसलिए दोष मुझ पर है। इसलिए, मैंने पद छोड़ने का फैसला किया है।’ कल्याण बनर्जी ने भावुक होकर कहा कि जब एक साथी सांसद (महुआ मोइत्रा) उन्हें खुलेआम गालियां दे रही हैं और पार्टी चुप है, तो वह खुद को अपमानित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘क्या मुझे चुपचाप गालियां सुनते रहना चाहिए? मैंने पार्टी को बताया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उल्टा मुझे ही दोषी ठहराया गया। अब मैं राजनीति छोड़ने तक के बारे में सोच रहा हूं।’

हालांकि, कल्याण बनर्जी ने दावा किया कि उन्होंने स्वेच्छा से इस्तीफा दिया है। उन्होंने कथित तौर पर अपने करीबी सहयोगियों से कहा कि उन्हें बलि का बकरा बनाया जा रहा है, खासकर कृष्णानगर की सांसद महुआ मोइत्रा और उससे पहले पूर्व क्रिकेटर और टीएमसी सांसद कीर्ति आजाद के साथ महीनों के तनाव के बाद।

महुआ मोइत्रा की सुअर वाली टिप्पणी पर कल्याण का पलटवार : कल्याण बनर्जी ने सोमवार को एक्स पर एक पोस्ट में महुआ मोइत्रा की सुअर वाली टिप्पणी को लेकर उन पर पलटवार किया। बनर्जी ने कहा कि महुआ मोइत्रा ने एक पॉडकास्ट में जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया, वह न केवल अपमानजनक है, बल्कि किसी भी सभ्य बातचीत के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि जब कोई नेता इस तरह की गाली देता है, तो वह ताकत नहीं, बल्कि उसकी कमजोरी और असुरक्षा दिखाता है। बनर्जी ने कहा, ‘जो लोग सोचते हैं कि गाली-गलौज से सार की जगह ले ली जा सकती है, उन्हें अपनी राजनीति पर गौर करना चाहिए, और यह उनके खोखलेपन को उजागर करती है। जब कोई जनप्रतिनिधि गाली-गलौज और अभद्र भाषा का इस्तेमाल करता है, तो यह ताकत नहीं, बल्कि असुरक्षा को दर्शाता है।’

गाली तो गाली होती है, चाहे किसी भी लिंग के लिए हो : कल्याण बनर्जी ने यह भी कहा कि अगर कोई पुरुष किसी महिला को ऐसी भाषा में अपमानित करता, तो देश भर में आक्रोश फैल जाता, और यह सही भी है। लेकिन जब कोई महिला किसी पुरुष को गाली देती है, तो उसे नजरअंदाज कर दिया जाता है। कल्याण बनर्जी ने कहा, ‘गाली तो गाली ही होती है, चाहे किसी भी लिंग के लिए हो।’ उन्होंने आगे कहा कि ऐसी टिप्पणियां न सिर्फ अभद्र हैं, बल्कि वे एक जहरीले दोहरे मानदंड को भी मजबूत करती हैं, जहां पुरुषों से चुपचाप सहने की उम्मीद की जाती है। अगर भूमिकाएं बदल दी जाएं, तो कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

मोइत्रा के बेतुके अपमान से उनकी नाकामियां नहीं छिपेंगी : कल्याण बनर्जी ने आगे कहा कि अगर महुआ मोइत्रा सोचती हैं कि बेतुके अपमान करने से उनकी अपनी नाकामियां छिप जाएंगी या उनके रिकॉर्ड पर गंभीर सवालों से ध्यान हट जाएगा, तो वह खुद को धोखा दे रही हैं। उन्होंने कहा, ‘जो लोग जवाब देने के बजाय गाली-गलौज पर भरोसा करते हैं, वे लोकतंत्र के चैंपियन नहीं हैं, वे इसकी शर्मिंदगी हैं, और इस देश के लोग उनकी इस हरकत को समझ सकते हैं।’

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