कानपुर : उत्तर प्रदेश में कानपुर जिले के घाटमपुर थाना क्षेत्र में चूहा पकड़ने और छोड़ने को लेकर विवाद हो गया. विवाद इस कदर बढ़ गया कि ये मामला खूनी संघर्श में बदल गया. दरअसल, गांव में गणेश चतुर्थी का महोत्सव मनाया जा रहा है. भगवान गणेश मूषक की सवारी करते हैं. सिर्फ इसी बात को लेकर दोनों के बीच बहस होने लगी. इसके बाद मामला लाठी-डंडे से लेकर पत्थरबाजी तक पहुंच गया. मामले की शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने दोनों को समझाकर छोड़ दिया.
जानकारी के अनुसार, वीरपुर गांव में आनंद और धर्मेंद्र नाम जो की एक दूसरे के पड़ोसी है. जिसमें धर्मेंद्र सोनी अपने घर में आए दिन चूहों से हो रहे नुकसान के चलते परेशान था. उन्होंने बीते दिनों अपने घर में चूहा पकड़ने के लिए पिंजरा लाया था. एक दिन बाद चूहा पकड़ में आया तो वह उसे घर के बाहर दूर जंगल की ओर छोड़ने जाने के लिए निकले. इसी बीच उनके पड़ोसी आनंद श्रीवास्तव ने देख लिया.
आनंद श्रीवास्तव ने धर्मेंद्र से कहा कि गणेश चतुर्थी चल रही है. गांव घर में गणेश प्रतिमा रख के महोत्सव मनाया जा रहा है. ऐसे में वह चूहे को छोड़ दें, जिस पर धर्मेंद्र ने कहा कि काफी दूर ले जाकर छोड़ देगा लेकिन आनंद और धर्मेंद ने जिद पकड़ ली. दोनों के बीच गहमा गहमी इस कदर बड़ी की आनंद और धर्मेंद्र के बीच चूहेदानी को लेकर छीना झपटी होने लगी. तभी वहां से निकल रहे एक व्यक्ति से डंडा लेकर धर्मेंद्र ने आनंद पर वार कर दिया, फिर क्या आनंद ने दौड़कर ईट उठाकर उसके सिर पर मार दिया. धर्मेन्द के सिर गंभीर चोटें आईं और वह खून से लथपथ हो गया.
धर्मेंद्र प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा जहां से वह अपना इलाज करने के बाद सीधे घाटमपुर थाने पहुंचा और मामले की शिकायत दर्ज कराई. इसके बाद आनंद को गिरफ्तार कर पुलिस थाने ले गई और पूछताछ की. पूरे मामले में इंस्पेक्टर धनंजय पांडे ने बताया कि दोनों युवकों के बीच चूहा छोड़ने को लेकर विवाद हुआ था. मामले में दोनों पक्षों को समझा दिया गया है. धनंजय पांडे ने बताया कि आरोपीय आनंद ने पूछाताछ में बताया कि वह भगवान गणेश का परम भक्त है और उसे यह बर्दाश्त नहीं हो रहा था. भगवान गणेश की सवारी मूषक को पिंजरे में बंद किया जाए, जिसके पहले तो उसने धर्मेंद्र से चूहा छोड़ने की गुजारिश की थी.