सीतापुर : उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले के रामकोट क्षेत्र के रहने वाले फखरुद्दीन ने इस्लाम छोड़कर सनातन धर्म अपनाने का निर्णय लिया. यह कदम उन्होंने बांग्लादेशी हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों से आहत होकर उठाया. फखरुद्दीन ने अपना नाम बदलकर फतेह बहादुर सिंह रख लिया और सनातन धर्म के सभी संस्कारों को विधिवत अपनाया.
फखरुद्दीन ने टीवी और सोशल मीडिया पर लगातार बांग्लादेशी हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा और अत्याचार की खबरें देखीं. इन घटनाओं ने उन्हें इतना प्रभावित किया कि उन्होंने हिंदू धर्म अपनाकर बांग्लादेशी हिंदुओं के साथ खड़े होने का प्रतीकात्मक संदेश दिया.
सनातन धर्म अपनाने के लिए फखरुद्दीन ने एक मंदिर में जाकर विधिवत पूजा-अर्चना की. उन्होंने हिंदू धर्म के संस्कारों को अपनाते हुए अपना नया नाम “फतेह बहादुर सिंह” रखा. फखरुद्दीन का यह कदम केवल एक धर्म परिवर्तन नहीं, बल्कि मानवता और सहिष्णुता का प्रतीक बन गया है.
फखरुद्दीन का इस्लाम छोड़कर हिंदू धर्म अपनाना शायद बांग्लादेशी हिंदुओं के हालात पर कोई सीधा असर न डाले. लेकिन उनका यह साहसिक कदम मानवता के लिए एक बड़ा संदेश है. यह घटना समाज में सहिष्णुता और भाईचारे की भावना को मजबूत करने का प्रतीक बन सकती है.
फतेह बहादुर सिंह का यह कदम उन लोगों के लिए प्रेरणा बन सकता है, जो धर्म, जाति और समुदाय से ऊपर उठकर मानवता को प्राथमिकता देना चाहते हैं. उनका यह फैसला यह दिखाता है कि व्यक्तिगत आस्था और संवेदनशीलता के जरिए भी समाज में बदलाव लाने की कोशिश की जा सकती है.
फखरुद्दीन से फतेह बहादुर सिंह बनने की यह कहानी सिर्फ एक व्यक्ति के धर्म परिवर्तन की नहीं, बल्कि मानवता और समानता के लिए खड़े होने की मिसाल है. यह घटना समाज में मानवता और भाईचारे के संदेश को फैलाने का काम करेगी. बांग्लादेशी हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ यह एक छोटी, लेकिन महत्वपूर्ण आवाज है, जो भविष्य में कई और “फतेह बहादुर सिंह” को प्रेरित कर सकती है.